व्योमिका सिंह की जाति पर रामगोपाल की टिप्पणी, कहीं अखिलेश के मिशन दलित पर न लग जाए ग्रहण?

उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव हर संभव कोशिश और सियासी समीकरण सेट करने में जुटे हैं. अखिलेश ने अपने 2024 के ‘विनिंग फार्मूले’ पीडीए को और भी मजबूती देने के लिए दलित एजेंडे पर फोकस कर रखा है. ऐसे में सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव का ऑपरेशन सिंदूर में शामिल रही एयर विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर जातिगत टिप्पणी करना कहीं सियासी तौर पर सपा के लिए महंगा न पड़ जाए, क्योंकि बसपा से लेकर बीजेपी तक सपा को दलित विरोधी कठघरे में खड़ा करने में जुट गई है.
अखिलेश यादव के चाचा और सपा के दिग्गज नेता रामगोपाल यादव गुरुवार को मुरादाबाद के बिलारी क्षेत्र में एक जनसभा के दरौान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूला तलाशने की कोशिश में सियासी तौर पर बड़ा बवंडर कर बैठे. रामगोपाल यादव ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह को जाटव बताने के साथ-साथ चमार कहकर भी संबोधित किया.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सपा तलाश रही ‘पीडीए’
रामगोपाल यादव ने कहा कि सोफिया कुरैशी मुस्लिम हैं, एयर विंग कमांडर व्योमिका सिंह हरियाणा की जाटव, चमार हैं और एयर मार्शल एके भारती बिहार के पूर्णिया के यादव हैं. कर्नल सोफिया कुरैशी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने उनकी मुस्लिम पहचान के कारण गाली दी, लेकिन व्योमिका सिंह को राजपूत समझकर कुछ नहीं कहा गया. यह युद्ध एक मुसलमान, एक दलित, और एक यादव ने लड़ा. इस तरह से ऑपरेशन सिंदूर पीडीए की जीत है. ऐसे में बीजेपी किस आधार पर इसका श्रेय ले रही है और तिरंगा यात्रा निकालकर राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है.
रामगोपाल यादव के द्वारा व्योमिका सिंह को हरियाणा की जाटव और चमार कह कर संबोधि करना सपा की सियासी टेंशन बढ़ा सकती है. दलित समुदाय का अपमान मानते हुए मुरादाबाद के थाना सिविल लाइंस में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तहरीर दी गई है. देशद्रोह और एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की बात कही गई है. इसके अलावा बीजेपी ने रामगोपाल यादव के बयान को लेकर सियासी मोर्चा सपा के खिलाफ खोल दिया है.
सपा पर आक्रामक हुई बीजेपी और बसपा
सपा महासचिव रामगोपाल यादव के विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर जातिसूचक टिप्पणी और बयान पर बीजेपी नेता उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि जाति के आधार पर विंग कमांडर व्योमिका सिंह का अपमान कर सपा ने अपनी नीच मानसिकता और महिला विरोधी सोच उजागर की है. जाति आधार पर लोगों को बांटना सपा की पुरानी आदत रही है. बृजेश पाठक ने कहा कि जाति के आधार पर व्योमिका को नीचा दिखाने की कोशिश पूरे दलित समाज की प्रतिभा, परिश्रम व सम्मान पर हमला है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि अखिलेश यादव और उनके चाचा रामगोपाल को पाकिस्तान की हार बर्दाश्त नहीं हो रही है, इसलिए कोई सेना में जाति ढूंढ रहा है तो कोई अपनी सेना के शौर्य पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर रहा है. यह सपा की मानसिकता और डीएनए को दर्शाता है. बीजेपी के एमएलसी लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि रामगोपाल का बयान पीडीए की उस विकृत सोच का पर्दाफाश है, जो दलितों का सम्मान नहीं करता, बल्कि उन्हें सिर्फ वोटबैंक मानता है. सपा के डीएनए में ही दलित विरोध भरा है.
रामगोपाल यादव के बयान की निंदा करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के पराक्रम से पूरा देश एकजुट व गौरवान्वित है. ऐसे में सेना को धर्म और जाति के आधार पर आंकना और बांटना घोर अनुचित है. बीजेपी के मंत्री ने जो गलती की वही गलती सपा के वरिष्ठ नेता ने भी की है. यह शर्मनाक एवं निंदनीय है. उन्होंने आगे कहा कि सेना का हर जवान राष्ट्र के लिए बलिदान देता है और इस तरह की संकीर्ण सोच देश की एकता और सेना की गरिमा को ठेस पहुंचाती है.
सपा की बिगड़ न जाए दलित पॉलिटिक्स
सपा महासचिव रामगोपाल यादव के व्योमिका सिंह पर की गई टिप्पणी को लेकर बीजेपी ने जिस तरह से मोर्चा खोल रखा है, उसके जरिए इसको बीजेपी की सपा को घेरना ही नहीं बल्कि दलित विरोधी कठघरे में भी खड़ा करने की स्ट्रैटेजी मानी जा रही है. रामगोपाल के बयान को बीजेपी दलित विरोधी बता रही है तो दलित समुदाय के लोग भी चमार कहने पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सेना की वर्दी को जातिवादी चश्मे से नहीं देखा जाता. सपा की यह मानसिकता राष्ट्र भक्ति को बांटने का दुस्साहस है. इस तरह से सपा के दलित वोटों को साधने की कोशिशों पर भी मुश्किलें खड़ी हो सकती है.
2024 लोकसभा चुनाव में अखिलेश अपने पीडीए के दांव से 37 सीटें जीतने में कामयाब रहे. सपा ने पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वाली राजनीति से ही 2027 का चुनाव लड़ने का प्लान बनाया है. अखिलेश की नजर पीडीए राजनीति को और मजबूत करने की है, जिसके लिए उनकी नजर मायावती के वोटरों पर है. अखिलेश यादव इन दिनों दो तरह के मिशन में जुटे हैं. सपा में दलित समाज के नेताओं को तवज्जोह दी जा रही है. अखिलेश अपने आस-पास अब यादव और मुस्लिम नेताओं को रखने के बजाय दलित नेताओं को साथ लेकर चलते हैं. इसी कड़ी में सपा ने बसपा के पुराने नेता दद्दू प्रसाद को अपने साथ मिलाया और उसके बाद रामजीलाल सुमन के साथ भी सपा पूरी मजबूती से खड़ी रही.
रामजीलाल सुमन के खिलाफ करणी सेना ने आगरा में एकजुट होकर अपनी ताकत की हुंकार भरी तो अखिलेश यादव भी आगरा जाकर रामजीलाल सुमन से मुलाकात करने और बीजेपी पर हमला करने से नहीं चूके. दलित वोटों के लिहाज से सपा रामजीलाल के साथ खड़े होना अपने लिए मुफीद मान रही है. सपा का पूरा फोकस दलित वोटों पर ही है, जिसे अपने साथ मिलाने के लिए बसपा के बैकग्राउंड वाले नेताओं को साधने में जुटे थे, लेकिन रामगोपाल यादव का बयान सारे किए धरे पर पानी न फेर दे.