सद्गुरु के साथ विशेष सत्संग… ईशा योग केंद्र में आज शाम 7 बजे से गुरु पूर्णिमा का भव्य उत्सव

गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर आज शाम को ईशा योग केंद्र, कोयंबटूर में भव्य आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस वर्ष के समारोह का मुख्य आकर्षण सद्गुरु के साथ होने वाला विशेष सत्संग है, जो शाम 7 बजे से आरंभ होगा. इस सत्संग में एक शक्तिशाली ध्यान सत्र भी शामिल है, जो श्रद्धालुओं को गहरे आंतरिक अनुभव से जोड़ने का माध्यम बनेगा.
ईशा फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस वार्षिक उत्सव में संगीतमय प्रस्तुतियों की भी खास व्यवस्था की गई है, जिसमें देश-विदेश के नामचीन कलाकार भाग ले रहे हैं. इन प्रस्तुतियों में मोहित चौहान, राम मिरयाला, पार्थिव गोहिल, स्वागत राठौड़ जैसे लोकप्रिय भारतीय गायकों के साथ त्रिनिदाद के मशहूर सोका गायक माचेल मोंटानो अपनी ऊर्जा से भरपूर प्रस्तुति देंगे. ईशा का घरेलू संगीत समूह साउंड्स ऑफ ईशा भी अपनी आध्यात्मिक संगीत यात्रा से भक्तों को भावविभोर करेगा.
जो लोग कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सकते, वे सद्गुरु के आधिकारिक यूट्यूब चैनलों या ईशा के चयनित स्थानीय केंद्रों के माध्यम से इस कार्यक्रम की लाइवस्ट्रीम में भाग ले सकते हैं. यह लाइवस्ट्रीम हिंदी, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, बांग्ला, मलयालम, ओडिया, नेपाली और अन्य अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध होगी, जिससे यह आयोजन एक वैश्विक आध्यात्मिक उत्सव का रूप ले लेगा.
गुरु पूजा और ध्यान सत्र की विशेष व्यवस्था
ईशा योग केंद्र तथा इसके देश-विदेश में फैले स्थानीय केंद्रों पर गुरु पूजा का आयोजन किया गया है. श्रद्धालुओं को अपने घरों में भी गुरु पूजा में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया है. इसके लिए वे सद्गुरु की तस्वीर लगाकर, दीप प्रज्वलित कर और पुष्प अर्पित कर सकते हैं.
सद्गुरु द्वारा निर्देशित ध्यान के दौरान, प्रतिभागियों को शांत और एकाग्र वातावरण में रहना होगा. आयोजकों ने प्रतिभागियों से अनुरोध किया है कि इस समय मोबाइल फोन का उपयोग न करें, जल न पिएं, और कम से कम 25-30 मिनट तक ध्यान के लिए उपयुक्त माहौल बनाए रखें.
गुरु पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व
गुरु पूर्णिमा, आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है और इसे आदियोगी शिव द्वारा योग विज्ञान के प्रथम संचरण के रूप में जाना जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन शिव ने सप्तऋषियों को ज्ञान प्रदान किया था और वे आदिगुरु के रूप में प्रतिष्ठित हुए. यही कारण है कि यह दिन हर साधक के जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है.
सद्गुरु के शब्दों में, गु का अर्थ है अंधकार और रु का अर्थ है उसे दूर करने वाला. जो आपके भीतर के अज्ञान को मिटाता है, वही सच्चा गुरु है.
गुरु पूर्णिमा को साधकों द्वारा गुरु के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए आदर्श माना जाता है. यह दिन ध्यान और योग साधना के लिए भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है.
ईशा योग केंद्र का यह आयोजन हर वर्ष की तरह इस बार भी न केवल भारत, बल्कि दुनियाभर के लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत बनने जा रहा है. आयोजकों ने सभी से इस शुभ अवसर पर पूरे मनोयोग से शामिल होने की अपील की है.