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पंजाब पुलिस के 5 कर्मचारियों को सख्त चेतावनी जारी, 30 जुलाई Last Date…

बठिंडा :  पंजाब पुलिस के 5 कर्मचारियों को सख्त चेतावनी जारी हुई है। गांव लक्खीजंगल निवासी युवक की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में मंगलवार को सी.आई.ए. स्टाफ बठिंडा के तत्कालीन इंस्पेक्टर नवप्रीत सिंह सहित पांचों पुलिसकर्मी फिर अदालत में गैरहाजिर रहे, जबकि अदालत ने पहले ही उनकी जमानत याचिका खारिज कर पेश होने के सख्त आदेश दिए थे, जिन्हें अब कोर्ट ने 30 जुलाई को पेश होने का अंतिम मौका दिया है।

11 जुलाई को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने पांचों पुलिसकर्मियों की ज़मानत याचिका खारिज करते हुए पेशी के आदेश जारी किए थे। इससे पहले भी बार-बार समन भेजे गए, लेकिन वे तामील नहीं हो सके। इंस्पेक्टर नवप्रीत सिंह के खिलाफ वारंट भी जारी हो चुका है, बावजूद इसके वह जैतो थाने में बतौर एस.एच.ओ. ड्यूटी पर बना हुआ है।

उल्लेखनीय है कि ये पांचों आरोपी 27 फरवरी से अदालत में हाजिर नहीं हो रहे हैं। मामला 17 अक्तूबर 2024 का है, जब सी.आई.ए. स्टाफ ने लक्खीजंगल निवासी युवक को घर से उठा लिया और हिरासत में 18 अक्तूबर को टार्चर से उसकी मौत हो गई थी, जिसके बाद परिजनों ने हत्या का आरोप लगाकर प्रदर्शन किया था। मंगलवार को इलाका मैजिस्ट्रेट रशलीन कौर की अदालत में सुनवाई होनी थी, लेकिन आरोपी हाज़िर नहीं हुए। अब अदालत ने उन्हें 30 जुलाई को पेश होने का अंतिम मौका दिया है, जबकि इससे पूर्व हाईकोर्ट ने आरोपियों की याचिका को खारिज कर दिया था।

फिरोजपुर जेल में बंद मृतक के भाई ने जिला सत्र न्यायाधीश, फिरोजपुर को पत्र लिखकर अपने भाई को अवैध रूप से हिरासत में रखने और उसके साथ अत्याचार किए जाने की शिकायत की थी। फिरोजपुर न्यायाधीश ने इस शिकायत की एक प्रति बठिंडा न्यायाधीश को भेजी, जिसकी जांच इलाका मजिस्ट्रेट कुलदीप सिंह ने की। जांच के दौरान, मजिस्ट्रेट ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए खुलासा किया कि युवक की मौत वाटर बोर्डिंग जैसी यातनाओं के कारण हुई थी। मौत के बाद, पुलिस ने मामले को आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को झील में फेंक दिया। इसके अलावा, थर्मल थाने में 2 झूठी डीडीआर भी दर्ज की गईं। जांच रिपोर्ट के आधार पर, अदालत ने इंस्पेक्टर नवप्रीत सिंह सहित 5 पुलिस कर्मियों के खिलाफ हिरासत में हत्या और सबूत नष्ट करने के आरोप में मामला दर्ज करने के आदेश दिए। कल इलाका मजिस्ट्रेट रशलीन कौर की अदालत में सुनवाई होनी थी, लेकिन आरोपी पेश नहीं हुए। उल्लेखनीय है कि आरोपी पुलिस कर्मियों ने इस न्यायिक जाँच को गलत बताते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।

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