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बिहार SIR: जिन 10 सीटों पर कटे सबसे ज्यादा नाम, वहां 2020 के चुनाव में किसका चला था सिक्का?

बिहार में SIR को लेकर घमासान मचा हुआ है. इस बीच शुक्रवार को चुनाव आयोग की तरफ विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के आंकड़ों को जारी कर दिया गया है. इन आंकड़ों के सामने आने के बाद बाद पता चला है कि प्रदेश भर के कई जिलों से नाम काटे गए हैं. विधानसभा लेवल की बात की जाए सबसे ज्यादा नाम गोपालगंज और किशनगंज इलाके काटे गए हैं. कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां हजारों की संख्या में लोगों के नाम काटे गए हैं.

विधानसभा क्षेत्रों की बात की जाए तो गोपालगंज सीट पर सबसे ज्यादा नाम काटे गए हैं. इसके बाद कुचायकोट, मोतिहारी, किशनगंज सीटों पर नामों की कटौती की गई है. शुक्रवार को जारी की गई ड्राप्ट वोटर लिस्ट के अनुसार प्रदेश भर से लगभग 65 लाख लोगों के नाम काटे गए हैं.

चुनाव आयोग ने SIR में जिन लोगों का नाम काटा उनमें ज्यादातर ऐसे लोग हैं, जिनकी मौत हो चुकी है. इसके अलावा जो लोग बाहर किसी अन्य जगह रहने लगे उनका नाम भी काटा गया है. चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया कि 1 सितंबर तक नाम जोड़ने का जारी रहेगा. किसी को अगर आपत्ति है तो वो अपनी दर्ज करा सकता है.

कहां कटे कितने नाम?

चुनाव आयोग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों से पता चला है कि पुरानी मतदाता सूची जारी की गई सूची में सबसे ज्यादा पटना जिले से 395,500 नाम काटे गए हैं. इसके बाद मधुबनी जिले में 352,545 नाम, पूर्वी चंपारण जिले में 316,793 नाम और गोपालगंज जिले 310,363 लोगों का नाम काटा गया है.

जहां कटे ज्यादा नाम वहां किसकी हुई थी जीत

चुनाव आयोग की SIR में सामने आया कि साल 2020 के चुनाव में जिन 10 सीटों पर सबसे ज्यादा नाम काटे गए हैं, वहां पर 7 सीटों पर सत्तारूढ़ दल ने और 3 सीटों पर महागठबंधन ने जीत दर्ज की थी. नामों की कटती होने के बाद विपक्ष और पक्ष दोनों की टेंशन बढ़ना तय है.

2024 की लोकसभा मतदाता सूची की तुलना में प्रतिशत के लिहाज से, गोपालगंज जिले में सबसे अधिक (13.9%) मतदाता हटाए गए, उसके बाद किशनगंज जिले (10.5%), पूर्णिया जिले (9.7%), मधुबनी (8.7%) और भागलपुर (7.8%) का स्थान रहा है.

चुनाव आयोग की तरफ से काटे गए नामों को लेकर कहा गया कि 65 लाख में 22 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. 36 लाख लोग स्थायी रूप से दूसरी जगहों पर ट्रांसफर हो चुके हैं. 7 लाख लोग ऐसे थे जिनका नाम कई जगहों पर दर्ज था.

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