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कर्नाटक: सरकारी स्कूलों में AI से अटेंडेंस, परिजनों ने किया विरोध, एक्सपर्ट बोले- ये गलत है

दुनिया टेक्नोलॉजी के साथ लगातार तेजी से आगे बढ़ रही है. ज्यादातर लोग तकनीक पर निर्भर होते जा रहे हैं. अब शिक्षा क्षेत्र में भी एआई तकनीक के इस्तेमाल पर विचार होने लगा है. हालहि, में कर्नाटक सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने साल 2025-26 के लिए बच्चों का फेशियल अटेंडेंस लागू करने का फैसला किया था. लेकिन इस फेशियल अटेंडेंस पद्धति के खिलाफ विरोध हो रहा है.

विभाग ने सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति डिजिटल रूप में करने की योजना बना रही थी. इसमें छात्रों के चेहरे की पहचान के जरिए उनका अटेंडेंस रिकॉर्ड करके सांख्यिकी विभाग में अपलोड करने की योजना बनाई गई थी. इसमें बच्चों की तस्वीरों के साथ उनकी उपस्थिति दर्ज करने की बात थी. हालांकि, स्कूल स्तर पर इस चेहरे की पहचान से अटेंडेंस को लागू करने का विरोध हो रहा है. लोगों का कहना है कि इससे बच्चों की निजता का हनन होगा.

विशेषज्ञों ने क्या कहा?

विशेषज्ञों की मानना है कि इस तरह कि व्यवस्था से बच्चों की तस्वीरें और उनका विवरण कोई भी हासिल कर सकता है. इससे बच्चों का भविष्य भी प्रभावित होगा. इसलिए, शिक्षा विशेषज्ञों ने सीएम सिद्धारमैया को पत्र लिखकर कहा है कि फेशियल अटेंडेंस की अनुमति सही नहीं है. इसको लेकर एक रिपोर्ट भी तैयार कर सीएम को सौपी गई है. अभिभावक समन्वय समिति के अध्यक्ष योगानंद ने बताया कि बच्चो के अभिभावक भी इस फेशियल अटेंडेंस का विरोध कर रहे हैं.

इस नियम से बच्चों की निजता का उल्लंघन

उनका कहना है कि इस तरह की व्यवस्था से बच्चों की बुनियादी जानकारी सहित उनका चेहरा भी दर्ज होगा. इससे उनकी रुचियों आदि का भी विवरण जानना भी आसान हो जाएगा. इससे बच्चों की जानकारी आसानी से दूसरों के हाथों में पड़ सकती है. इससे उस जानकारी के दुरुपयोग की संभावना भी बढ़ जाती है, जो बच्चों की निजता का उल्लंघन है. इसलिए, यह कहा जा रहा है कि स्कूल स्तर पर एआई-आधारित चेहरे की पहचान वाली उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है.

विशेषज्ञों ने सरकार से की अपील

विशेषज्ञ का मानना है कि तकनीक से कई फायदे तो हैं, लेकिन इससे समस्याएं भी पैदा होंगी. इस नय नियम के खिलाफ विशेषज्ञ समिति ने सरकार से अपील की है. अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में शिक्षा विभाग किस तरह की कार्रवाई करता है.

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