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हिमाचल प्रदेश

जम्मू: 30 मौतें, पुल-टावर बह गए…मलबे में अब भी फंसे लोग; लैंडस्लाइड के बाद वैष्णो देवी मार्ग पर कैसा है हाल?

जम्मू क्षेत्र में मंगलवार को नदियों के उफान और तेज़ बहाव ने भारी तबाही मचाई. पानी की रफ्तार इतनी तेज़ थी कि रास्ते में आने वाली चट्टानें, पेड़ और बड़े-बड़े पत्थर ढलानों से नीचे गिर पड़े. भारी बारिश के बीच वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास अचानक भूस्खलन होने से ट्रैक पर मलबा और विशालकाय पत्थर आ गिरे. इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है.वहीं, स्थानीय प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर बचाव अभियान में जुटी हुई हैं. साथ ही, बिजली-पानी जैसी आवश्यक सेवाओं और बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने का काम भी तेज़ी से चल रहा है.

यह हादसा रियासी ज़िले की त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले रास्ते पर हुआ.अर्द्धकुंवारी के पास इंद्रप्रस्थ भोजनालय के समीप दोपहर करीब 3 बजे लैंडस्लाइड हुआ. मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है क्योंकि कई लोग अब भी मलबे में फंसे हुए हैं. एसएसपी रियासी परमवीर सिंह ने बताया कि कटरा के पास हुई इस घटना में 30 लोगों की मौत हो चुकी है.

पुल- मोबाइल टावर क्षतिग्रस्त

लगातार हो रही बारिश ने न सिर्फ जम्मू बल्कि कश्मीर घाटी को भी बुरी तरह प्रभावित किया है. कई पुल बह गए, बिजली के खंभे और मोबाइल टावर क्षतिग्रस्त हो गए. हालात गंभीर होने पर वैष्णो देवी यात्रा को स्थगित करना पड़ा. दूरसंचार सेवाएं ठप हैं. जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिए गए हैं, जबकि कई पहाड़ी सड़कें भूस्खलन और अचानक बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गई हैं. यहां तक कि जम्मू आने-जाने वाली कई ट्रेनें भी रद्द करनी पड़ीं.

घायल श्रद्धालुओं को कटरा और जम्मू के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. बड़ी संख्या में लोग अपने परिजनों की जानकारी के लिए अस्पतालों और आधार शिविर में जुटे हुए हैं. भारतीय सेना की तीन टुकड़ियां, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें कटरा, ठाकरा कोट और जौरियां क्षेत्रों में विशेष अभियान चला रही हैं.

सीएम ने अधिकारियों के साथ की आपात बैठक

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आपात बैठक बुलाकर सभी ज़िला प्रशासनिक अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने और प्रभावित परिवारों को समय पर भोजन, पानी और दवाइयां पहुंचाने के निर्देश दिए. इस समय जम्मू की प्रमुख नदियां—तराना, उझ, तवी और चिनाब—खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. कठुआ ज़िले में रावी नदी पर बने मोधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक से ऊपर चला गया, जिससे निचले इलाके जलमग्न हो गए.

मौसम विभाग ने बताया कि पिछले 24 घंटे में कठुआ में सर्वाधिक 155.6 मिमी बारिश दर्ज की गई. डोडा के भद्रवाह में 99.8 मिमी, जम्मू में 81.5 मिमी और कटरा में 68.8 मिमी बारिश हुई. विभाग ने 27 अगस्त तक भारी बारिश, बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी जारी की है.

27 अगस्त तक जम्मू संभाग के सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद

दूरसंचार सेवाएं ठप होने से राहत कार्य प्रभावित हो रहे हैं, हालांकि तकनीकी टीमें इन्हें बहाल करने में जुटी हैं. प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए 27 अगस्त तक जम्मू संभाग के सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद रखने के आदेश दिए हैं. कक्षा 10वीं व 11वीं की परीक्षाएं और भर्ती प्रक्रिया भी फिलहाल रोक दी गई है.

एनडीआरएफ ने जम्मू शहर के प्रभावित इलाकों में नौकाएं तैनात कर दी हैं. कई छात्रों और परिवारों को सुरक्षित निकाला गया है. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जलाशयों और भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों से दूर रहें और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें.

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