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Civil Service Day 2020: ‘देश सेवा के साथ-साथ लोक सेवा का भी मौका मिला, खुद को खुशनसीब समझता हूं’

सिविल सर्विस में सेलेक्ट होने से देश की सेवा के साथ-साथ लोक सेवा का भी मौका मिला है, इसके लिए मैं खुद को खुशनसीब समझता हूं। सेवा की अपनी जिम्मेदारियां भी हैं। इसे निभाने के लिए आने वाली चुनौतियों को आप कैसे हैंडल करते हैं, यह हमेशा बेस्ट ऑफ योर एबिलिटी एंड नॉलेज का विषय रहता है।

सिविल सेवा में सबसे बड़ी चुनौती लोगों की अपेक्षाएं हैं, जो न सिर्फ समय के साथ बढ़ रही हैं, बल्कि इन्हें तय समय पर पूरा करने का भी दबाव रहता है। जितना मैैं समझ पा रहा हूं, अब समय के साथ सिविल सेवा के स्वरूप में भी परिवर्तन आया है। आज जो नई चुनौतियां हैं, उनसे पार पाना बहुत जरूरी है।  इस सेवा में अभी तक जो मेरी जर्नी रही है, हजारीबाग में बतौर असिस्टेंट कलेक्टर प्रशिक्षण प्राप्त किया। उसके बाद हुसैनाबाद और घाटशिला में एसडीओ रहा। चतरा में दो साल चार महीने और तीन साल की कार्यावधि में पूर्वी सिंहभूम में उपायुक्त रहा। तीसरे असाइनमेंट के रूप में धनबाद आया।

सिविल सर्विस में फील्ड लेवल के एक्सपोजर हैं। उनमें बहुत सी चीजों को जमीनी स्तर पर समझने और उनके निराकरण का मौका मिला। वर्ष 2014 में लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनाव। वर्ष 2020 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने का मौका मिला। मैैं खुद को लकी मानता हूं कि हमेशा बेहतर टीम मिली। सहकर्मी और वरीय अफसरों का भी गाइडेंस और सपोर्ट मिला है। अभी तक काम के दौरान जो सीखने का मौका मिला, वह हायर लेवल पर सहायक साबित होगा।

कोरोना ऐसी चुनौती है जो सरकार व प्रशासन से इतर है। हर व्यक्ति को कोरोना वॉरियर की जिम्मेदारी निभानी होगी। डॉक्टर-पुलिस अपना काम बखूबी कर रहे हैैं। नगरकर्मी अपनी सेवाएं दे रहे हैैं। उनका ये कार्य तभी सफल होगा, जब हम अपने आपको इससे बचाएं और इसके लिए लॉकडाउन का कठोरता से पालन करें। अगर हर व्यक्ति दृढ़ निश्चय कर ले कि घर की चौखट पर लक्ष्मण रेखा को क्रॉस नहीं करूंगा, जरूरी कार्य से बाहर जाना भी पड़ा तो घर आकर बचाव के जरूरी उपाय अपनाऊंगा, तभी सफलता मिलेगी। कोरोना से जंग की इस चेन में हम अपनी जिम्मेदारियों को व्यवस्था पर थोपने की कोशिश न करें। अपने कर्तव्य को मानते हुए इसको क्रियान्वित करें कि मैैं कोरोना वायरस से बचकर रहूं, दूसरे को भी सुरक्षित रखूं तो इस महामारी से आसानी से लड़ा जा सकता है।

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