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गुड़गांव में फंसे सीएम के क्षेत्र के मजदूरों के समक्ष भुखमरी की स्थिति, पैदल आने से दिल्ली पुलिस ने रोका

साहिबगंज। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट के 41 मजदूर हरियाणा के गुड़गांव में फंसे हुए हैं। सभी वहां कंस्ट्रक्शन कंपनी की साइट पर ठेके पर काम करते थे। लॉकडाउन की वजह से विगत डेढ़ माह से वहां बेरोजगार बैठे हुए हैं। पास की जमा-पूंजी जब समाप्त होने लगी तो सभी वहां से पैदल ही गांव के लिए निकल गए लेकिन जैसे ही वे लोग दिल्ली की सीमा में गए पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद वे वापस चले गए।

मजदूरों ने बताया कि उन्हें किसी प्रकार की प्रशासनिक सहायता अब तक नहीं मिल रही है। भुखमरी की नौबत आ गई है। इसलिए वहां से पैदल ही निकल गए थे लेकिन दिल्ली पुलिस ने रोक दिया। बताया कि जानकारी न होने के कारण अब वापसी के लिए ऑनलाइन निबंधन भी नहीं कराया है। गुड़गांव गए धनबाद के कांग्रेस नेता संतोष कुमार सिंह की नजर शुक्रवार को उन मजदूरों पर पड़ी तो उन्होंने सभी से पूछताछ की। साहिबगंज के बरहेट का निवासी होने की बात बताने पर उन्होंने सभी मजदूरों की सूची बनाकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेज दी। हालांकि, शनिवार की सुबह मजदूरों ने बताया कि अब तक उनसे किसी ने संपर्क नहीं किया है। वे लोग काफी परेशान हैं। झारखंड लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को लानेवाला देश का पहला राज्य बना था। साहिबगंज जिले से ही इस अभियान की शुरूआत हुई थी। साहिबगंज में फंसे पश्चिम बंगाल के 39 मजदूरों को बस से वहां भेजा गया था।

गुड़गांव में बरहेट के 41 मजदूर सड़क पर भटक रहे थे। पूछताछ के दौरान उन्होंने अपना घर साहिबगंज के बरहेट बताया। उन्हें मैं झारखंड भवन पहुंचा देना चाहता था ताकि उनके जाने का इंतजाम हो जाए लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें नहीं जाने दिया। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दी गई है। उनकी वापसी की कोशिश जारी है। कांग्रेस पार्टी भी अपने स्तर से उनकी सहायता करेगी।

-संतोष कुमार सिंह, सदस्य, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी

दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को सकुशल घर तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है। सर्वप्रथम झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मजदूरों की सुध ली और ट्रेनों से उनके घर वापसी का इंतजाम किया। हजारों मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाया गया है। गुड़गांव में बरहेट के मजदूरों के फंसने के संबंध में कोई सूचना नहीं थी। इस वजह से उन्हें नहीं लाया जा सका था। सरकार उनकी वापसी का प्रबंध कर रही है।

-पंकज मिश्रा, मुख्यमंत्री और बरहेट के विधायक हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि

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