आज जो कुछ भी हैं विराट कोहली अपने पिता की बदौलत हैं

New Delhi : जिंदगी में बिना पिता के पहचान नहीं मिलती, और तो और कुछ भी मिलना आसान नहीं होता है। हर किसी के पीछे संघर्ष की एक लंबी कहानी छुपी होती है। अब बात विराट कोहली की। विराट कोहली एक मिडिल क्लास फैमिली की पृष्ठभूमि से आते हैं।
विराट कोहली ने हाल अपने जीवन के सबसे दुखद क्षणों में से एक को याद किया जब उनके पिता प्रेम कोहली का निधन हो गया था। नेशनल ज्योग्राफिक TV को दिए एक इंटरव्यू में विराट कोहली ने अपने पिता के निधन की रात को याद करते हुए कहा उन्होंने आखिरी सांस मेरी बाहों में ली थी।
उनकी मौत के कुछ देर बाद मैं खेलने गया। अपने पिता की मौत के बारे में विराट कोहली ने कहा कि उस समय रणजी ट्रॉफी क्रिकेट मैच चल रहा था। मैं दिल्ली टीम की तरफ से खेल रहा था। मैं 40 रन बनाकर नाबाद था। अगले दिन मुझे खेलने जाना था। लेकिन सुबह 3 बजे अचानक मेरे पिता की तबीयत बिगड़ गई। पिता जी की तबीयत खराब होने के बाद हमें किसी तरह की सहायता नहीं मिली।
हमें कोई सहायात नहीं मिल सकी। हमनें पड़ोसियों से सहायता मांगने की कोशिश, हम जिस भी डॉक्टर को जानते थे उससे मदद लेने की कोशिश हुई। लेकिन वो रात का ऐसा समय था कि कहीं से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। जब तक एंबुलेस और सबकुछ आता, सबकुछ खत्म हो चुका था।
विराट कोहली ने कहा कि मैं अपने पिता की मौत के बाद काफी ज्यादा कंफ्यूज हो गया था। किसी भी तरह के दूसरे काम करने की मेरी इच्छा लगभग खत्म हो गई थी। मैंने अपना पूरा ध्यान अपने सपनों को जो कि मेरे पिता का भी सपना था, पूरा करने में लगा दिया। आज मैं जो भी हूं उनकी बदौलत ही हूं। कोहली ने आगे कहा मुझे लगता है कि मैं उसके बाद (पिता के निधन) ज्यादा ध्यान देने लगा।
उस मैच में दिल्ली की टीम कर्नाटक के खिलाफ खेल रही थी। विराट कोहली 40 रन बना चुके थे। पिता की मौत के बाद उनके अधिकांश साथियों को उम्मीद नहीं थी कि वे मैदान पर फिर आएंगे। लेकिन जब विराट कोहली मैदान में पहुंचे और 90 रन बनाकर दिल्ली को फॉलो ऑन से बचा लिया।