चिटफंड कंपनियों के 17 हजार से अधिक निवेशकों को वापस हुए 7.86 करोड़ रुपये

रायपुर। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने गुरुवार को सिविल लाइन स्थित निवास में गृह विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया। गृह मंत्री ने प्रदेश में फोरेंसिक लैब की स्थापना के लिए पहल करने तथा सायबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए सायबर थानों को मजबूत बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने गृह विभाग के आधिपत्य वाली शासकीय अनुपयोगी खाली भूमि पर आवासीय सह कमर्शियल कांप्लेक्स बनाने पर विशेष जोर दिया।
उन्होंने कहा कि पुलिस स्कूल की तरह पुलिस अस्पताल भी बनना चाहिए, ताकि पुलिस परिवारों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। गृह मंत्री साहू ने चिटफंड प्रकरणों के निराकरण और जेलों में बंद आदिवासियों की रिहाई के प्रकरणों में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 187 अनियमित चिटफंड कंपनियों के खिलाफ 427 प्रकरण पंजीबद्ध हैं। इनमें से 265 प्रकरण न्यायालयों में विचाराधीन हैं।
अब तक चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क कर नौ करोड़ 32 लाख रुपये की वसूली की गई है। 17 हजार 322 निवेशकों को सात करोड़ 86 लाख रुपये वापस किए गए हैं। गृह मंत्री ने विभागीय जांच प्रकरणों और सीआईडी के प्रकरणों का त्वरित निराकरण के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
कोटवारों की ड्यूटी थानों में लगाएं
साहू ने कहा कि गांवों में कोटवारों की भूमिका काफी उपयोगी होती है। इसे ध्यान में रखते हुए कोटवारों की ड्यूटी पहले की तरह थानों में लगनी चाहिए, ताकि कोटवारों के जरिए गांव की ताजा जानकारी थानों को मिलती रहे। उन्होंने पुलिस जवानों को जंगलवार प्रशिक्षण देने, नगर सेना के जवानों की सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उनका मानदेय बढ़ाने, आपदा प्रबंधन के तहत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सुरक्षा उपकरणों की खरीदी करने तथा नक्सल पुनर्वास योजना को और अधिक कारगार बनाने के लिए आवश्यक सुझाव देने के निर्देश दिए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू, डीजीपी डीएम अवस्थी, अशोक जुनेजा एवं आरके विज, सचिव उमेश अग्रवाल, पुलिस महानिदेशक जेल संजय पिल्ले, अरूण देव गौतम सहित गृह विभाग के विभिन्न शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।






