ब्रेकिंग
पन्ना के 50 करोड़ के 'हीरे' का राज़ खुला! खनिज अधिकारियों की टीम ने सुलझाया सस्पेंस, क्या था पूरा रह... धार में चमत्कार! रातों-रात अरबपति बना आम शख्स, खाते में आ गई 2800 करोड़ से ज़्यादा की रकम झारखंड में बड़ा स्वास्थ्य घोटाला: थैलेसीमिया पीड़ित 5 बच्चों को चढ़ा HIV संक्रमित ब्लड, रिपोर्ट पॉजि... CM मोहन यादव का तत्काल एक्शन! गंभीर BJP नेता मुकेश चतुर्वेदी को ग्वालियर वेदांता में कराया एयरलिफ्ट,... समाज के लिए आस्था! 8 साल से छठी मैया का व्रत रख रही बलिया की किन्नर, बेहद दिलचस्प है उनके त्याग और भ... असिन के पति हैं ₹1300 करोड़ के मालिक, एक्ट्रेस असिन की संपत्ति जान उड़ जाएंगे आपके होश! रात में बल्ब के पास मंडराने वाले कीटों से हैं परेशान? अपनाएं ये 5 अचूक घरेलू उपाय, तुरंत मिलेगी राहत हमास से हुआ सीजफायर, फिर क्यों गाजा में अभी भी हमले कर रहा इजराइल? क्रिएटर्स को बड़ी राहत! Reels के दीवानों के लिए आया नया फीचर, अब ये दिक्कत नहीं आएगी सामने वास्तु शास्त्र: भूलकर भी घर की छत पर न रखें ये 5 चीजें, हो सकते हैं कंगाल, तुरंत हटा दें।
देश

जनोपयोगी लोक अदालत में आम लोगों की समस्याओं का त्वरित हो रहा निराकरण

बिलासपुर: आम लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में आ रही दिक्कतों को दूर करने में जनोपयोगी लोक अदालत का गठन प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों में किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिला कोर्ट परिसर में शुरू हुई इस स्थायी जनोपयोगी लोक अदालत में एडीजे व दो सदस्यों की पीठ सुनवाई कर रही है। इसमें बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य, डाकघर, टेलीफोन, बीमा, बैंकिंग, भूसंपदा, राजस्व आदि से जुड़ी समस्याओं व विवाद का निपटारा किया जा रहा है।

जनोपयोगी लोक अदालत शीर्ष अदालत से अधिकार संपन्न् है। आमतौर पर यह शिकायत रहती है कि उपभोक्ता फोरम में मामला लगाने के बाद पक्षकार द्वारा मामले को आगे बढ़ाने के लिए अपने वकील के जरिए जवाब पेश करने के लिए समय ले लिया जाता है। इसके चलते प्रकरण की सुनवाई में विलंब होता है। शिकायतकर्ता को समय पर न्याय नहीं मिल पाता। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जनोपयोगी लोक अदालत के गठन के निर्देश देशभर के हाई कोर्ट को जारी किए हंै।

इसी के तहत प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों में स्थित जिला कोर्ट परिसर में इस अदालत का गठन किया गया है। इसकी सुनवाई तीन सदस्यीय पीठ के जरिए की जा रही है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के विधिक सहायता अधिकारी शशांक दुबे ने बताया कि जनोपयोगी लोक अदालत में सुनवाई के लिए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के अलावा दो अशासकीय सदस्यों को मिलाकर तीन सदस्यीय पीठ का गठन किया गया है।

इस अदालत की खासियत यह है कि अगर कोई व्यक्ति को शिकायत करनी है तो स्वयं आवेदन के साथ शिकायत कर सकता है। मामला मुकदमा लड़ने के लिए वकील की भी जरूरत नहीं पड़ती। खुद ही अपने मामले की पैरवी कर सकता है।

चार महीने में आ जाता है फैसला

जनोपयोगी लोक अदालत की खास बात यह कि जरूरतमंदों को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से फार्म से लेकर पक्ष रखने के लिए अधिवक्ता तक निश्शुल्क उपलब्ध कराया जाता है। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि किसी भी मामले में अधिकतम चार माह में सुनवाई पूरी करनी है। वहीं यहां लिए गए फैसले को मानना बाध्यकारी है यानी किसी और अदालत में इसे चुनौती नहीं दी जा सकती।

Related Articles

Back to top button