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यूपी कांग्रेस में फिर सामने आई अंतर्कलह, प्रदेश अध्यक्ष ने चुनाव आयोग से मिले प्रतिनिधिमंडल को बताया अनधिकृत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अंदरूनी कलह सार्वजनिक हो गई है। उत्तर प्रदेष कांग्रेस पार्टी में नया वितंडा शुरू हो गया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ ने मंगलवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के साथ बैठक करने वाले कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को अनधिकृत बताया है। सीईसी को पत्र लिखकर उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के अधिकृत प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के लिए गुरुवार को समय मांगा है। इस घटनाक्रम पर क्षोभ और आपत्ति जताते हुए मंगलवार को सीईसी से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्य ओंकारनाथ सिंह ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा को पत्र लिखकर उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी भी दी है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे पत्र में बताया है कि उनसे मंगलवार को मुलाकात करने वाला कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल अधिकृत नहीं था। पार्टी के अधिकृत प्रतिनिधिमंडल में पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी, कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा और पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी शामिल हैं जिनसे मिलने के लिए सीईसी से गुरुवार को समय देने का अनुरोध किया गया है। लल्लू की ओर से इस पत्र को अपने ट्विटर हैंडल के जरिये ट्वीट करने से नाराज ओंकारनाथ ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।

प्रियंका गांधी वाड्रा को लिखे गए पत्र में ओंकारनाथ ने बताया है कि उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष सतीश अजमानी ने सीईसी के साथ बैठक में शामिल होने के लिए अधिकृत किया था। पत्र में उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि सीईसी को सौंपे जाने वाले पत्र का ड्राफ्ट उन्होंने अजमानी को दिखाया भी था। अजमानी की ओर से इसमें कुछ संशोधन किये गए थे। संशोधित पत्र को ही उन्होंने निर्वाचन आयोग को सौंपा था। गौरतलब यह भी है जिस प्रतिनिधिमंडल को लल्लू की ओर से अनधिकृत बताया गया है, उसके सदस्यों के नाम प्रदेश कांग्रेस कार्यालय की ओर से ही भारत निर्वाचन आयोग को भेजे गए थे।

प्रदेश कांग्रेस के महासचिव संगठन दिनेश सिंह ने इसकी पुष्टि तो की, साथ में यह भी जोड़ा कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्य सीईसी के साथ बैठक में पार्टी की ओर से कोई अधिकृत बयान देंगे। इसे नितांत सामान्य बैठक समझ कर इन लोगों को उसमें भेजा गया था। पार्टी के अंदर यह चर्चा है कि कांग्रेस के स्थापना दिवस समारोह और महिला मैराथन की तैयारियों में वरिष्ठ नेताओं के व्यस्त रहने की वजह से बैठक के महत्व को नहीं समझा गया जिसकी परिणति इस घटनाक्रम के रूप में सामने आई है।

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