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‘विपक्ष करता रहा राजनीति, कोरोना संकट में PM मोदी की कड़ी मेहनत’…लेख में प्रधानमंत्री की तारीफ

कोरोना की दूसरी लहर ने देश को बेहाल कर रखा है। संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जहां विपक्ष कोरोना की दूसरी लहर के लिए मोदी सरकार पर निशाना साध रही है। वहीं एक अंग्रेजी वेबसाइट ‘द डेली गार्जियन’ में एक लेख छपा है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की गई है। मोदी सरकार के कई मंत्रियों ने  इस वेबसाइट में छपे लेख के अंश ट्वीट किए हैं।

इस लेख के लिंक को शेयर करते हुए भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने ट्वीट किया कि किसी की मौत बड़ी खबर है, रिकवरी नहीं, क्या हम जानते हैं कि 85% से ज्यादा लोग घर पर ही ठीक हो गए, सिर्फ 5% ऐसे हैं, जिन्हें क्रिटिकल केयर की जरूरत है लेकिन देश में इस वक्त रिकवरी या डेथ पर बहस नहीं हो रही, बहस इस बात पर हो रही है कि इस महामारी के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाए। वहीं केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आर्टिकल शेयर करते हुए ट्वीट किया कि मैंने अभी देखा पीएम मोदी कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

विपक्ष की बातों में न फंसें। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल, मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस ने भी लेख की हेडिंग ट्वीट करते हुए उसका लिंक शेयर किया है।

ये लिखा है लेख में 
यह आर्टिकल भाजपा की मीडिया रिलेशन डिपार्टमेंट में संयोजक सुदेश वर्मा ने लिखा है। लेख में लिखा गया कि प्रधानमंत्री मोदी के विरोधी महामारी के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. कह रहे हैं कि उन्होंने चुनावी रैलियां करने की अनुमति क्यों दी? कुंभ मेला क्यों करने दिया? लॉकडाउन क्यों नहीं लगाया? लेकिन जब राज्यों के मुख्यमंत्री राजनीति करने में व्यस्त थे, तब प्रधानमंत्री मोदी काम कर रहे थे। लेख में कहा गया कि कोई नहीं जानता था कि कोरोना की दूसरी लहर इतनी भयावह होगी। लेकिन क्या इसके लिए पीएम मोदी को जिम्मेदार ठहराना सही है।

लेख में लिखा गया कि साल 2014 में जब मोदी प्रधानमंत्री बने उन्होंने देश में 14 एम्स खोलने का फैसला लिया 2014-15 में 215 निजी और 189 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे जोकि 2019 में 279 सरकारी और 260 निजी मेडिकल कॉलेज हो गए। साथ ही लेख में कहा गया कि केंद्र सरकार ने इसी साली चार बार कोरोना की दूसरी लहर की चेतावनी जारी की थी। पहली बार जनवरी में, फिर 21 फरवरी, 25 फरवरी और 27 फरवरी को राज्यों को चेतावनी जारी की कि देश में दूसरी लहर आ सकती है, इससे निपटने के इंतजाम किए जाएं। वहीं कहा गया कि अप्रैल-मई के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने 28 बार मीटिंग की थी। जब वैक्सीनेश की बात की गई तो विपक्ष ने इसको लेकर अफवाहें और झूठ फैलाया। वहीं वैक्सीन का मजाक भी उड़ाया।

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