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मध्यप्रदेश

छत से दंगाइयों को इशारे किए, रामनवमी के जुलूस पर पत्थर किधर फेंकने हैं

खरगोन में रामनवमी के जुलूस में दंगाइयों ने ऐसी आग लगाई कि पूरा शहर जल उठा। दंगे के पांचवें विलेन को पुलिस ने इंदौर से खोज निकाला है। इस आदतन अपराधी पर पुलिस ने रासुका की कार्रवाई की है। वह छत पर खड़ा होकर पत्थरबाजों को बता रहा था कि पत्थरबाजी किस तरह करना है। वह दिशा-निर्देश दे रहा था। पत्थरबाज छतों से हमला कर रहे थे। इसके पहले पुलिस ने चार लोगों को चिन्हित किया था, इनमें से दो लोग उपद्रवियों को भड़का रहे थे, जबकि दो तलवार और कट्टा लहरा रहे थे। एक ने तो SP पर ही गोली तक चला दी थी।

पत्थरबाजी और आगजनी के बाद पुलिस उपद्रवियों की धरपकड़ में जुटी है। अब पुलिस ने इंदौर के चंदन नगर से तवड़ी मोहल्ला निवासी आरोपी सेजू उर्फ फिरोज को गिरफ्तार किया है। एसपी रोहित केशवानी और IPS अंकित जायसवाल ने बताया कि सेजू आदतन अपराधी है। उस पर बलवा, मारपीट, पथराव और तोड़फोड़ करने के साथ ही छेड़छाड़ के छह केस दर्ज हैं।

अधिकारियों ने बताया कि सेजू पान की दुकान चलाता है। वह उपद्रव के दौरान अपने मकान की छत पर खड़े होकर पत्थरबाजी करने वालों को दिशा-निर्देश दे रहा था। ऐसा करते हुए उसका वीडियो भी सामने आया है। दंगों को लेकर पुलिस मोहसिन और नवाज शेख के खिलाफ पहले ही रासुका के तहत कार्रवाई कर चुकी है। वहीं, उपद्रव को लेकर पुलिस ने तीन आरोपियों पर भी रासुका भी लगाई है। उन्होंने बताया कि उपद्रव के मामले में अब तक 64 प्रकरण दर्ज हुए हैं। 168 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस का मानना है कि तीनों ही आरोपियों की उपद्रव फैलाने में विशेष भूमिका रही है।

ASP अंकित जायसवाल ने बताया कि नवाज और मोहसिन ने उपद्रवियों को भड़काने के साथ ही दंगे के दौरान अहम रोल अदा किया। रामनवमी पर हुए दंगे में दोनों आरोपी अन्य उपद्रवियों के संपर्क में थे और उन्हें भड़का रहे थे, इसलिए इन दोनों पर पुलिस ने जांच के बाद रासुका की कार्रवाई की है। SP के प्रधान आरक्षक गनमैन SAF प्रथम वाहिनी गिलदार पिता रायसिंह सोलंकी (45) ने FIR दर्ज कराई है। जिसमें गनमैन ने बताया कि वसीम उर्फ मोहसिन पिता जानू संजय नगर मुबावाली गली ने कट्‌टे से फायर किया था। इरफान खान, निवासी संजय नगर ने भीड़ पर तलवार से हमला किया था। रिपोर्ट के मुताबिक उस दिन संजय नगर के त्रिवेणी चौक में पत्थरबाजी, तोड़फोड़ और आगजनी की सूचना मिली। शाम 7 बजे वहां पहुंचे, तो दोनों समुदाय के 300-400 आक्रोशित लोग एक-दूसरे पर पत्थरबाजी कर रहे थे। अनियंत्रित भीड़ ने आमजन और पुलिस पर सामने से पत्थर और पेट्रोल बम फेंके।

गिलदार सिंह ने बताया कि दंगे वाले दिन SP और बल ने दोनों पक्षों के लोगों को भगाने के लिए आंसू गैस छोड़ी, तभी वर्ग विशेष का व्यक्ति भीड़ में से सफेद कपड़े पहने और सिर पर सफेद कपड़ा बांधे हाथ में तलवार लिए भीड़ में घुस आया। वह तलवार से लोगों पर वार करने लगा। भीड़ को बचाने के लिए मैं एसपी, ड्राइवर, रीडर व अन्य बल भीड़ में घुसे और उसकी तलवार पकड़कर छीनने का प्रयास किया। SP के हाथ में चोट लगी। वह व्यक्ति तलवार छुड़ाकर भीड़ की तरफ भागा, तभी भीड़ में से किसी व्यक्ति ने कट्टे से फायर किया, जिसका एक छर्रा SP के बाएं पैर में लगा और खून निकलने लगा।

रामनवमी पर 10 अप्रैल को निकले जुलूस में उपद्रवियों ने पथराव कर दिया था। शहर के तालाब चौक से शुरू हुआ पथराव व आगजनी का सिलसिला रात होने तक आधे शहर में फैल गया। देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए। दंगाइयों ने खूब उत्पात मचाया। आधे शहर में अलग-अलग कई स्थानों पर पथराव, पेट्रोल बम फेंकने, आगजनी, वाहन जलाने और लूटपाट करने की घटनाएं हुईं। पथराव के दौरान टीआई बनवारी मंडलोई, एक पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हो गए थे। हालात को काबू में करने पहुंचे पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी पर भी उपद्रवियों ने गोली चला दी, जो उनके पैर में लगी। इस घटना के बाद से प्रशासन ने यहां कर्फ्यू लगा दिया। घटना के बाद आयुक्त डॉ. पवन शर्मा और आईजी राकेश गुप्ता खरगोन पहुंचे थे।

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