मध्यप्रदेश
इंदौर में आकार ले रहा जैव विविधता का श्रेष्ठ, शानदार और दिलकश संसार
इंदौर। इंदौर में एक ऐसा नया स्थान आकार ले रहा है, जो बदलते शहर के लिए शानदार, श्रेष्ठ और दिलकश पिकनिक स्पाट बनेगा। यह स्थान है सिरपुर तालाब की वेटलैंड अर्थात आद्रभूमि पर बना नया स्थल। प्रतिवर्ष 2 फरवरी को विश्व वेटलैंड दिवस मनाया जाता है। आज इसे दुनियाभर में मनाया जा रहा है।
विश्व में कई स्थान पर वेटलैंड (आद्रभूमि) को रामसर साइट्स घोषित की गई हैं। इनमें से इंदौर के सिरपुर तालाब एवं यशवंत सागर तालाब को भी रामसर साइट घोषित किया जा चुका है। सिरपुर तालाब पर विश्व वेटलैंड दिवस के अवसर देश का मुख्य आयोजन हो रहा है।
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- इनक्यूबेशन सेंटर : इस सेंटर के जरिए यहां घूमने आने वालों को पर्यावरण के बारे में जानकारी मिल पाएगी। इस सेंटर में प्रदर्शनी भी लगाई जा सकेगी।
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- बटरफ्लाय पार्क : पार्क में ऐसे पौधे लगाए गए हैं, जो तितलियों को आकर्षित करेंगे। तितलियां इन पौधों पर अंडे दे सकेंगी। तितलियों को इन्हीं पौधों से भोजन भी मिल सकेगा और यहीं वे अपना जीवन चक्र भी चला सकेंगी।
सिरपुर और यशवंत सागर के रामसर साइट में शामिल होने से इन दोनों तालाबों के विकास की योजना पर केंद्र सरकार की निगरानी रहेगी। संयुक्त राष्ट्र संघ की कमेटी भी इसके विकास को देखेगी। केंद्र सरकार इन साइट के रखरखाव में भी सहायता करेगी। किसी साइट के वेटलैंड होने का फायदा यह होता है कि वहां जैव विविधता का संरक्षण होता है। इस कारण धीरे-धीरे वह स्थल जैव विविधता के लिए शानदार जगह बन जाती है।
प्रतिवर्ष 2 फरवरी को विश्व वेटलैंड दिवस मनाया जाता है। इसी दिन वर्ष 1971 में ईरान के रामसर शहर में विश्वभर के तालाबों को बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। विश्व वेटलैंड दिवस तालाबों के प्रति जनजागरूकता लाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। एक वर्ष पहले तक प्रदेश के भोपाल और शिवपुर तालाब ही रामसर साइट में शामिल थे, लेकिन इसी वर्ष इंदौर के सिरपुर तालाब और यशवंत सागर को भी इस सूची में शामिल किया गया है। इसके बाद देशभर में रामसर साइट की संख्या 75 हो गई है।
सिरपुर तालाब के विकास को लेकर लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि इसे पक्षी विहार के रूप से विकसित करने के लिए इसके आसपास नो कंस्ट्रक्शन व साइलेंट जोन बनाया जाना चाहिए। महाजन ने यहां पर 1995-96 में द नेचर वालंटियर सोसायटी के पद्मश्री भालू मोढे एवं सदस्यों के मार्गदर्शन में कार्य करना प्रारंभ किया था। ताई ने अपनी सांसद निधि से तालाब की पाल का काम करवाने के लिए पांच लाख रुपये प्रदान किए थे। पक्षी विहार हेतु नेचर वालंटियर ग्रुप एवं नगर निगम के सहयोग से वर्ष 2005 से काम प्रारंभ किया गया था। यहां अतिक्रमण हटाने से लेकर इंटरप्रिटेशन सेंटर बनाने का काम भी हुआ। बाद में महाजन ने सांसद निधि से 20 लाख रुपये और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी 25 लाख रुपये उपलब्ध कराए थे।






