कबाड़ गोदाम में भीषण विस्फोट के बाद जागा जिला प्रशासन, छापेमारी जारी
जबलपुर। जबलपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर खजरी-खिरिया बाइपास पर स्थित हिस्ट्रीशीटर मोहम्मद शमीम के कबाड़खाने में विस्फोट की जांच कर एनआइए और एनएसजी की टीम दिल्ली लौट गई। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को सुबह से देर रात तक एजेंसी ने घटनास्थल की बारीकी से छानबीन की। मौके पर मिले बमों के कुछ कलपुर्जे और मलबे के कुछ भाग को फारेंसिंक जांच के लिए सुरक्षित किया गया है।
मौके पर भारी मात्रा में बम के खोल मिले हैं। ये खोल आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) के कबाड़ में खरीदे गए थे। जांच एजेंसियों ने आयुध निर्माणी के रिजेक्ट बमों के खोल (बिना बारूद के) के कबाड़ घोषित करने और इसके विक्रय प्रक्रिया की पूरी जानकारी मांगी है। एजेंसी घटना से संबंधित रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेंगी। उधर, शनिवार को भी कबाड़खाने में मलबे को धीरे-धीरे हटाने का क्रम जारी रहा। इस कार्य में अब एनडीआरएफ की जगह एसडीआरएफ जुट गई है। एसआइटी और जिला प्रशासन की टीम भी विस्फोट से जुड़े पहलुओं पर छानबीन कर रही है।
बता दें कि रजा मेटल इंडस्ट्री के नाम से संचालित कबाड़खाने में 25 अप्रैल को बड़ा विस्फोट हुआ था। धमाका इतना तेज था कि आसपास पांच किलोमीटर का क्षेत्र थर्रा उठा था। विस्फोट में दो मजदूरों की मौत हो गई थी। मेटल इंडस्ट्री मोहम्मद फहीम के नाम पर पंजीकृत है, जो फरार हिस्स्ट्रीशीटर मोहम्मद शमीम का बेटा है। घटना के बाद पुलिस ने फरार मोहम्मद शमीम, उसके बेटे फहीम सहित एक अन्य के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध किया है। आरोपित फहीम सहित एक अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
आयुध सामग्री बाहर कैसे निकली इसकी भी जांच की जा रही है
खजरी खिरिया बाइपास स्थित कबाड़ गोदाम में भीषण विस्फोट की जांच के लिए एनआइए व एनएसजी की टीम जबलपुर पहुंच चुकी है। शुक्रवार को कबाड़ गोदाम की जांच के बाद टीम अब आयुध निर्माणियों में जांच के लिए पहुंच सकती है।
विस्फोटक इतना जबरदस्त था कि दो मजदूरों के चीथड़े उड़ गए थे
जांच के दौरान यह पता चला कि कबाड़ गोदाम में विस्फोटक सामग्री का अवैध भंडारण किया गया था। विस्फोटक इतना जबरदस्त था कि दो मजदूरों के चीथड़े उड़ गए थे। मौके पर करीब छह फीट गहरा व आठ फीट चौड़ा गड्डा हो गया है। एनआइए व एनएसजी टीम की गतिविधि पर नजर रहेगी।






