ब्रेकिंग
धनतेरस पर रिकॉर्ड तोड़ खरीदारी: देशभर में हुआ 1 लाख करोड़ का कारोबार, 60 हजार करोड़ का सोना-चांदी खर... फांसी vs इंजेक्शन: मौत की सज़ा का कौन सा तरीका बेहतर? पवन जल्लाद ने बताया- 'निर्भया के दोषियों को लट... करोड़ों का घोटाला! भू-माफिया ने फर्जी दस्तावेज से हड़पी कडाणा विभाग की जमीन, सरकारी संपत्ति को बताया... शिंदे गुट का सीधा वार: श्रीकांत बोले- 'UBT और MNS सिर्फ बयानबाजी करते हैं, मराठियों के नाम पर सिर्फ ... कोलकाता में ED का बड़ा एक्शन: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से जुड़े नेटवर्क का खुलासा, मुख्य आरोपी इंदुभ... दिवाली पर खपाने की तैयारी! फरीदाबाद में 222 पेटी अवैध शराब जब्त, गोदाम में टाइल्स के नीचे छिपा रखा थ... धनतेरस पर CM मोहन यादव का तोहफा: किसानों को 'सोलर पंप' की खरीद पर मिली बंपर सब्सिडी, खेती होगी आसान बांके बिहारी का 'खजाना' खुलेगा! धनतेरस पर 54 साल बाद तहखाने का द्वार खुला, गोस्वामी समाज के हंगामे स... बिहार चुनाव का रण! पहले चरण में रिकॉर्डतोड़ ढाई हजार नामांकन, आखिरी 48 घंटों में उम्मीदवारों की लगी ... संसद के करीब बड़ा हादसा! सांसद फ्लैट में लगी भीषण आग, धुआं देख मची अफरा-तफरी, 6 दमकल गाड़ियां मौके प...
देश

शख्स ने खुद के पैसों से बनवाया पुल, तारीफ के बजाए हो गई दो साल की जेल, जानिए क्यों?

एक व्यक्ति ने खुद के पैसों से एक अलग-थलग गांव के लिए पंटून पुल यानि पीपा पुल का निर्माण कराया, ताकि स्थानीयों को राहत मिल सके. लेकिन इस काम के लिए प्रशंसा मिलने के बजाए उसे दो साल के लिए जेल ठेल दिया गया. अधिकारियों का कहना है कि पुल का अवैध तरीके से निर्माण किया गया, इसलिए यह कार्रवाई की गई. चीन में हुई इस घटना ने एक बड़ी सामाजिक और कानूनी बहस को जन्म दे दिया है.

ओडिटी सेंट्रल की रिपोर्ट के अनुसार, 2005 से पहले तक उत्तरी चीन के जिलिन प्रांत में झेनलिन गांव ताओर नदी से पूरी तरह से कटा हुआ था. स्थानीय लोगों को निकटतम पुल तक पहुंचने के लिए लगभग 70 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती थी. हालांकि, सब कुछ तब बदल गया, जब हुआंग देई नाम के एक शख्स ने वह करने का फैसला लिया, जो क्षेत्रीय अधिकारी नहीं करना चाहते थे और वो था नदी पर पीपा पुल बनाना.

पीपा पुल बनने का स्थानीयों ने खूब स्वागत किया और वे इसका उपयोग करने के लिए हुआंग को छोटा-सा टोल देने के लिए भी राजी हो गए. क्योंकि, पुल बनने से अब उन्हें बेवजह 70 किमी का सफर तय नहीं करना पड़ेगा. साल 2014 में हुआंग ने 17 अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर 13 धातु की नावों को वेल्डिंग कर पुल को और मजबूत बनाया, ताकि उस पर भारी वाहनों की आवाजाही हो सके.

लेकिन चार साल बाद ही ताओनान जल मामलों के प्राधिकरण ने पुल तोड़ने का फरमान सुना दिया. साथ ही हुआंग और उसके परिवार पर पुल से अवैध कमाई का आरोप लगाया गया. हुआंग का तर्क था कि उन्होंने ऐसा केवल स्थानीय लोगों की मदद करने के लिए किया था. वहीं, टोल वसूली के बारे में उन्होंने दावा किया कि तथाकथित मुनाफे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया था. लेकिन कोर्ट ने उनकी दलील खारिज कर दी.

हुआंग ने जून 2023 में अपनी सजा के खिलाफ दूसरी अपील की, जो अब तक कोर्ट में विचाराधीन है. लेकिन हाल ही में उनकी कहानी ने चीनी सोशल मीडिया पर एक गरमागरम बहस छेड़ दी है, जिसमें कुछ लोगों ने दावा किया कि हुआंग और उनके परिवार को पुल के माध्यम से अवैध रूप से टोल वसूलने की सजा मिली थी, जबकि अन्य लोगों का कहना है कि उन्हें समाज की सेवा करने का अंजाम भुगतना पड़ा है.

उधर, क्षेत्रीय अधिकारियों की ओर से नया पुल बनाने का वादा अब तक पूरा नहीं किया गया है, जो सरकारी योजनाओं और उनके अमल में होने वाली देरी की ओर इशारा करता है.

Related Articles

Back to top button