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बिहार

चार दिनों का मेला, तीन लाख लीटर दूध से अभिषेक, अनोखी है बाबा विशु राउत की पूजा

आस्था और विश्वास ऐसी चीज होती है, जिसमें केवल श्रद्धा और भक्ति भाव देखा जाता है. इसमें कहीं-कोई, किंतु-परंतु की बात नहीं होती है. बिहार के मधेपुरा जिले से एक ऐसी ही खबर है. यहां चार दिवसीय बाबा विशु राउत के मेले में बाबा विशु राउत की समाधि स्थल पर करीब तीन लाख लीटर दूध से दुग्धाभिषेक किया गया. वहीं बताया जा रहा है कि पांच दिनों में लगभग पांच से छह क्विंटल गांजा की भी बिक्री की गई है.

बता दें कि मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज स्थित कोसी के कछार पर स्थित चौसा प्रखंड के पचरासी बहियार बाबा विशु राउत की समाधि स्थल है. इस समाधि स्थल पर सोमवार से चार दिवसीय बाबा विशु राउत राजकीय मेले की शुरुआत हुई. इसका शुभारंभ बिहार विधानसभा के उपसभापति नरेंद्र नारायण यादव के साथ स्थानीय एसडीएम, एसडीपीओ ने किया.

लाखों श्रद्धालु करते हैं दर्शन

मेले से जुड़ी सर्वोच्च मेला समिति और चरवाहा कल्याण संघ का दावा है कि सतुआ संक्रांति के अवसर पर पहले दिन लगभग डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने बाबा विशु राउत की समाधि स्थल पर करीब तीन लाख लीटर कच्चे दूध से अभिषेक किया. लोगों में ऐसी मान्यता है कि बाबा विशु राउत को बताशा काफी प्रिय था. इसलिए बाबा की समाधि पर जो भी श्रद्धालु दुग्ध से अभिषेक करने जाते हैं, वह अपने साथ बताशा भी लेकर के जाते हैं.

दूध के साथ चढ़ाते हैं गांजा

कहा तो यहां तक जाता है कि श्रद्धालु अपने साथ गांजा भी खरीद करके लेकर जाते हैं, लेकिन गांजे की बिक्री पर सरकार का प्रतिबंध है. इसके बावजूद मेला स्थल पर चोरी-छिपे गांजे की बिक्री होती है. श्रद्धालुओं की मानें तो दूध चढ़ाने वाले जितने भी श्रद्धालु होते हैं, वह अपने साथ पांच से 10 ग्राम गांजा भी खरीदते हैं और बाबा की समाधि पर चढाते हैं. अगर इस अनुमानित संख्या को देखा जाए तो पांच दिनों में करीब पांच से छह क्विंटल गांजा की भी बिक्री होता है.

लोक देवता के रूप में पूजे जाते हैं बाबा विशु राउत

मिली जानकारी के अनुसार, इस पूरे इलाके में लोक देवता के रूप में बाबा विशु राउत की पूजा की जाती है. उनकी समाधि स्थल पर पिछले तकरीबन 400 सालों से भी ज्यादा समय से हर साल सातवें संक्रांति के अवसर पर 14 से 17 अप्रैल के बीच में राजकीय मेले का आयोजन होता है, जिसमें बिहार के साथ ही दूसरे राज्यों के जिलों से बड़ी संख्या में लोग आते हैं और बाबा विशु राउत की समाधि पर पशुओं के दूध से दुग्ध अभिषेक करते हैं.

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