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बिहार

पूर्णिया कांड का असली ‘विलेन’, तांत्रिक ही बन गया तांत्रिक का दुश्मन, कैसे गांववालों को भड़काया? पूरी कहानी

पूर्णियां के टेटगामा गांव में पांच लोगों को जिंदा जलाने की घटना ने पूरे बिहार को झकझोर दिया है. इस हत्याकांड से टेटगामा के आसपास के 23 गांवों के ग्रामीणों में दहशत फैल गई है. इस घटना पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है. आसपास के गांववालों और जनप्रतिनिधियों से पुलिस ने पूछताछ का प्रयास भी किया, मगर कोई सफलता हाथ नहीं लगी.

मृतक बाबू लाल उरांव तंत्र-मंत्र का काम करता था. भीड़ ने बाबूलाल और उसके परिवार के चार सदस्यों की जिंदा जलाकर हत्या कर दी. घर की दो महिलाओं पर डायन होने का आरोप लगाया. इस हत्याकांड को क्यों अंजाम दिया गया, पहले जान लेते हैं इसकी पूरी वजह.

बीमार बच्चे पर होती रही तंत्र क्रिया

बाबूलाल का पड़ोसी रामदेव उरांव का 8 वर्षीय बच्चा धान का बिचड़ा उखाड़ने खेत गया था. बताया जाता है कि बच्चा सुबह से भूखा था. बच्चे की दादी ने बताया कि उसका पोता दोपहर घर खाना खाने आया और कपड़ा खोलते ही आंगन में गिर गया. इसके बाद उसे तांत्रिक नकुल उरांव के पास ले जाया गया, जहां देर रात्रि तक बच्चे के ऊपर तांत्रिक क्रिया होती रही, मगर उसकी मौत हो गई.

तांत्रिक नकुल उरांव ने बच्चे के परिजन को भड़काया

तांत्रिक नकुल उरांव ने बच्चे की मौत के बाद उसके पिता राजाराम को बताया कि इन सबके पीछे तांत्रिक बाबूलाल है. बाबूलाल के तंत्र क्रिया की वजह से ये सब हो रहा है. इसके बाद से परिजन बच्चे को जिंदा करने का दबाव बाबूलाल पर बना रहे थे. करीब चार दिनों से यह मामला टेटगामा गांव मे चल रहा था.

गांव में बैठी पंचायत

मामला तब गरमाया, जब राजाराम के घर के दो और बच्चों की तबीयत बिगड़ गई. बताया जाता है कि दो बच्चे, जिनमें मृतक बच्चे का ममेरा भाई और बहन भी शामिल हैं, इन्हें मामूली-सर्दी खांसी और बुखार हुआ था. इन लोगों का भी इस तांत्रिक नकुल उरांव के पास इलाज कराया गया. इसके बाद गांव में पंचायती बैठी और बाबूलाल उरांव पर तंत्र-मंत्र करने का आरोप लगाया गया.

गांव के प्रमुख तांत्रिक नकुल उरांव ने अपने प्रतिद्वंदी तांत्रिक बाबूलाल उरांव पर बच्चों की हत्या तंत्र मंत्र के द्वारा करने का आरोप लगाया. इसके बाद ग्रामीण उग्र हो गए और बाबूलाल उरांव के साथ-साथ उसके परिजन की भी पिटाई शुरू कर दी. सभी के ऊपर पेट्रोल छिड़क कर जिंदा जला दिया गया. शवों को पास के ही पोखर में फेंक दिया गया.

शवों को दफनाया

फिर सुबह 3:00 बजे पुनः सभी के शवों को बोरे में डालकर 2 किलोमीटर दूर दरगाह घेसरिया बहियार में मिट्टी के नीचे दफना दिया गया. काफी पूछताछ के बाद आरोपी नकुल उरांव ने घटनास्थल की जानकारी दी. इसके बाद देर शाम सभी 5 शवों को पुलिस ने बरामद किया और मजिस्ट्रेट की निगरानी में रात्रि में पोस्टमार्टम कर सुबह सभी शवों का पुलिस और आला अधिकारियों के मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

बताया जा रहा है कि आरोपी नकुल उरांव इस क्षेत्र में मिट्टी माफिया के नाम से मशहूर है. अपनी दबंगई से वह आसपास के क्षेत्रों में मिट्टी खनन कर उसे बेचने का काम करता है. रात्रि में मिट्टी ढोने वाले ट्रैक्टर से सभी पांच शवों को गांव से 2 किलोमीटर दूर ले जाकर दफना दिया गया. नकुल उरांव की निशानदेही पर पुलिस ने उस ट्रैक्टर को भी जब्त कर लिया गया है.

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