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उत्तरप्रदेश

‘डेढ़ साल से कॉलेज नहीं गया तो हमें क्यों नहीं बताया…’ बेटे की मौत से सदमे में पिता; शारदा यूनिवर्सिटी पर लगाए गंभीर आरोप

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने 16 अगस्त को हॉस्टल में आत्महत्या कर ली. छात्र की पहचान बिहार के मधुबनी के रहने वाले शिवम कुमार डे के रूप में हुई है, जो यूनिवर्सिटी में बीटेक की पढ़ाई करने के लिए आया था और हॉस्टल में रहता था. शुक्रवार को शिवम का शव उसके हॉस्टल रूम से मिला. पुलिस को शिवम के कमरे से कथित सुसाइड नोट भी मिला.

शिवम शारदा यूनिवर्सिटी में बीटेक की पढ़ाई कर रहा था, लेकिन वह पिछले डेढ़ साल से कॉलेज नहीं गया था. इस मामले में सामने आया कि शिवम ने 2024-25 सेशन में न तो रि-रजिस्ट्रेशन कराया और न ही क्लासेज अटेंड कीं. यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया कि शिवम का सीजीपीए 5.0 से कम था, जो थर्ड ईयर में प्रमोशन के लिए जरूरी होता है. उसे सुधार के लिए कई बार मौके दिए गए.

यूनिवर्सिटी पर लापरवाही का आरोप

यूनिवर्सिटी ने बयान जारी कर कहा कि यूनिवर्सिटी ने उसे स्पेशल एग्जाम देने का विकल्प और सिर्फ 40 प्रतिशत फीस पर दोबारा सेकंड ईयर में एडमिशन लेने का ऑफर दिया था, लेकिन शिवम ने दोबारा री-एडमिशन नहीं कराया. अब शिवम की मौत के बाद उसके परिजनों ने यूनिवर्सिटी पर लापरवाही का आरोप लगाया और सवाल उठाए कि अगर शिवम पिछले डेढ़ साल से कॉलेज नहीं आ रहा था तो यूनिवर्सिटी ने इस बात की जानकारी उन्हें क्यों नहीं दी.

मृतक छात्र शिवम के पिता कार्तिक डे का कहना है कि शिवम 2 अगस्त को ही यूनिवर्सिटी जाने के लिए घर से वापस आया था. इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि उनका परिवार हाल ही में वैष्णो देवी की यात्रा पर गया था. तब शिवम भी साथ ही था, लेकिन उन्हें शिवम के व्यवहार में कोई बदलाव नजर नहीं आया और न ही इस तरह का कोई शक उन्हें हुआ था. उन्होंने बेटे की मौत के बाद यूनिवर्सिटी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर शिवम कॉलेज नहीं आ रहा था तो उन्हें जानकारी देनी चाहिए थी.

“बेटे को इंजीनियर बनाने के लिए भेजा था”

कार्तिक डे ने कहा कि बेटे को इंजीनियर बनाने के लिए भेजा था, लेकिन ये नहीं पता था कि वह अपने जिगर के टुकड़े को यहां खो देंगे. उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर शिवम कॉलेज नहीं जा रहा था और क्लास अटेंड नहीं कर रहा था तो कॉलेज ने हमे क्यों नहीं बताया. बाकी चीजों के लिए बताया जाता था, फीस भी समय से ले जा रही थी तो ये क्यों नहीं बताया कि बेटा पढ़ने नहीं जा रहा है?

शिवम का जो कथित सुसाइड नोट पुलिस को मिला. उसमें शिवम ने खुद को यूजलेस बताया और साथ ही यूनिवर्सिटी से उसकी फीस उनके परिजनों को वापस लौटाने की गुजारिश की. इसके साथ ही उसने एजुकेशन सिस्टम पर सवाल उठाए. कथित सुसाइड नोट में शिवम ने लिखा, “इस एजुकेशन सिस्टम के लिए वह सही नहीं हैं. अगर देश को महान बनना है तो उन्हें सही एजुकेशन सिस्टम शुरू करना होगा.

किसी को नहीं बताया मौत का जिम्मेदार

शिवम ने कथित सुसाइड नोट में किसी को अपनी मौत का जिम्मेदार नहीं बताया, लेकिन एक साल से सुसाइड करने का प्लान बनाने की बात लिखी. सुसाइड नोट में लिखा गया, ये दुनिया मेरे लिए नहीं है या मैं उस दुनिया के लिए हूं. अपनी पिता से माफी मांगते हुए लिखा गया, बाबा I am sorry, मैं आपका सहारा नहीं बन पाया. अब पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है. परिजनों ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ शिकायत की है. हालांकि, अभी तक इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया गया है.

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