ब्रेकिंग
यात्रियों को मिली राहत: छठ के लिए रेलवे ने चलाई स्पेशल ट्रेनें, होल्डिंग एरिया और CCTV से निगरानी, ल... उदयपुर में दर्दनाक हादसा! एनिकट पर नहाते समय 4 मासूम बच्चे डूबे, पूरे इलाके में मातम फारूक अब्दुल्ला का सनसनीखेज बयान: 'BJP ने हमें राज्यसभा सीट के लिए डील ऑफर की थी, जिसे हमने ठुकरा दि... खूंटी में खूनी वारदात: मां संग चाचा को आपत्तिजनक हालत में देख बौखलाया बेटा, गुस्से में कर डाला 'काम ... अबूझमाड़ में 'बदलाव' की आहट: गृह मंत्री विजय शर्मा ने लगाई जन चौपाल सूर्य की उपासना का महापर्व छठ शुरू, सरगुजा में घाटों पर लगेगा भक्तों का मेला छत्तीसगढ़ी लोककला हमारी पहचान, जल्द बनेगी फिल्म सिटी : विष्णुदेव साय "पंजाब में 'वीजा स्कैम' का भंडाफोड़! लाइसेंसी इमिग्रेशन सेंटर ने दर्जनों युवाओं को बनाया शिकार, लाखो... Bisleri पीने वालों के लिए शॉकिंग न्यूज़! पानी की क्वालिटी को लेकर आई बड़ी और चौंकाने वाली खबर दिल्ली में 'रेड' और 'ऑरेंज' अलर्ट! 5 इलाकों में दम घोंटू हवा, AQI लगातार गिर रहा, प्रदूषण के कहर से ...
मध्यप्रदेश

पहली बार भारत में हेलीकॉप्टर से शिकार! ब्लैक बक को पकड़ने साउथ अफ्रीका से आई रेस्क्यू टीम, हांका देकर किया गया रेस्क्यू

मध्य प्रदेश के शाजापुर के कालापीपल क्षेत्र के इमलीखेड़ा गांव में सोमवार सुबह वन विभाग ने दक्षिण अफ्रीका की टीम की मदद से हेलीकॉप्टर के जरिए हिरणों को पकड़ने का अभियान चलाया. हेलीकॉप्टर से हांका लगाकर हिरणों के झुंड को धीरे-धीरे बोमा क्षेत्र की ओर लाया गया, जहां से वह आखिर में बोमा के आखिर हिस्से पर खड़े वाहनों में पहुंचे. शाजापुर जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर कालापीपल के इमली खेडा गांव के जंगल में साउथ अफ्रीका और वन विभाग की टीम ने 6 दिन पहले से ही अपना जमावड़ा लगा लिया था.

कालापीपल तहसील के किसानों को हिरण और नीलगाय से छुटकारा दिलाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने ग्राउंड पर योजना बनाते हुए साउथ अफ्रीका की टीम को काम सौंपा है. साउथ अफ्रीका से 15 लोगों की टीम शाजापुर के शुजालपुर और कालापीपल में 15 अक्टूबर को पहुंचे और उन्होंने 6 दिन का समय लेकर आसपास के जंगली इलाकों का जायजा लिया और 20 अक्टूबर से हिरण और नीलगाय का रेस्क्यू बोमा पद्धति से शुरू किया. इस रेस्क्यू में साउथ अफ्रीका की टीम ने स्थानीय वन विभाग के सहयोग से अपना काम शुरू किया.

हिरण और नीलगायों को मंदसौर ले जाया जाएगा

इस रेस्क्यू में साउथ अफ्रीका टीम की मदद करने के लिए प्रदेश सरकार ने हेलीकॉप्टर मुहैया करवाया है, जिससे ऊपर से हिरण के झुंड और नीलगाय के झुंड को देखकर उन्हें भगाकर साउथ अफ्रीका और वन विभाग की टीम की ओर से बनाए गए पंडाल में लाने का काम किया जाएगा. इसके बाद वहां से रेस्क्यू कर इन हिरण और नीलगायों को मंदसौर जिले के गांधी सागर अभ्यारण में सुरक्षित ले जाया जाएगा.

देश में पहली बार चला विदेशी टीम के साथ रेस्क्यू

दरअसल, किसानों की फसल को जीव काफी नुकसान पहुंचाते हैं. यह देश का पहला ऐसा रेस्क्यू अभियान होगा, जिसमें हेलीकॉप्टर के साथ-साथ विदेशी टीम काम कर रही हैं. इस रेस्क्यू को बोमा पद्धति का नाम दिया गया है. इसमें जिले के प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल को भी लगाया गया है. इस ऑपरेशन को ब्लैकबक का नाम दिया है. रेस्क्यू टीम पूरे 21 दिन जिले के अलग अलग जगह पर भ्रमण कर रेस्क्यू करेगी. हेलीकाप्टर से रेस्क्यू कर 45 हिरण को गांधी सागर अभ्यारण के लिए रवाना किया गया है. दिन में गर्मी ज्यादा होने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन मंगलवार से फिर शुरू हुआ, जो 21 दिन तक चलेगा.

Related Articles

Back to top button