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कोटा में फंसे झारखंड के बच्चों की मदद करेंगे लोकसभा अध्यक्ष, महेश पोद्दार को दिया भरोसा

रांची। कोटा में पूरे देश के बच्चे उच्च शिक्षा की तैयारियों के लिए पढऩे जाते हैं। लॉकडाउन की वजह से देश के अन्य प्रांतों समेत झारखंड के भी छात्र-छात्राएं वहां फंस गए हैं। कोटा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का संसदीय क्षेत्र है। उन्होंने झारखंड से राज्यसभा के सदस्य महेश पोद्दार से संवाद कर भरोसा दिलाया है कि वे बच्चों की हरसंभव मदद करेंगे। उन्होंने इसके लिए संपर्क नंबर भी दिए हैं ताकि जानकारी मिलने पर बच्चों को मदद पहुंचाई जा सके।

बच्चों के अभिभावक भी इस बाबत संपर्क कर सकते हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बसें भेजकर कोटा से छात्रों को लाने के बाद झारखंड में इस बाबत मांग उठ रही है। कोटा में फंसे राज्य के बच्चों की जानकारी राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र के माध्यम से दी थी। महेश पोद्दार ने बताया कि उन्होंने इसका फौरन संज्ञान लिया और कहा कि झारखंड ही नहीं, देश के किसी भी राज्य का बच्चा अगर किसी भी प्रकार की तकलीफ में हो तो उनके दफ्तर को सूचित किया जाए।

फौरन समस्या का समाधान किया जाएगा। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष के दफ्तर से उनके सहयोगियों ने भी संपर्क कर जानकारी दी। बताया गया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस मामले को लेकर खुद राजस्थान सरकार, केंद्रीय गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से बातचीत कर समन्वय स्थापित किया है।

गृह राज्य तक ले जाने में दिक्कत नहीं

लोकसभा अध्यक्ष ने जानकारी दी है कि कोटा में रह रहे बच्चों को उनके गृह राज्य तक ले जाने में कोई दिक्कत नहीं है। संबंधित राज्य सरकार पहल करे तो यह फौरन हो सकता है। इसके लिए राज्य सरकार राजस्थान सरकार, कोटा जिला प्रशासन से संपर्क करे। कोटा में रह रहे बच्चों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। कोटा में इन नंबरों (0744-2505555, 9414186100, 9414176400, 9783977701) पर बच्चे और उनके अभिभावक लोकसभा अध्यक्ष के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

दिया सुझाव, अधिकारियों का दल जा सकता है कोटा

राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार ने झारखंड सरकार को सलाह दी है कि कोटा में फंसे बच्चों को लाने के लिए नई दिल्ली स्थित झारखंड भवन से अधिकारियों का एक दल भेजा जा सकता है। अधिकारी वहां जाकर बच्चों की तकलीफ से अवगत हों और उन्हें दूर करें। अधिकारी बच्चों को वापस लाने की संभावनाएं भी तलाश सकते हैं। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव को सुझाव दिया है कि वे राजस्थान सरकार से इस बाबत बातचीत करें तो चुटकी में मामला सुलझ सकता है।

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