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कांग्रेस-सपा श्रमिकों के सबसे बड़े दुश्मन : स्वामी प्रसाद मौर्य

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस और सपा श्रमिकों के सबसे बड़े दुश्मन हैं क्योंकि वे उन श्रमिकों का विरोध कर रहे हैं, जिनके लिए निवेश के माध्यम से रोजगार तलाशने की प्रक्रिया चल रही है। मौर्य ने कहा,’कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का बयान यह दर्शाता है कि वे श्रमिकों के सबसे बड़े दुश्मन हैं क्योंकि जो श्रम अधिनियमों में संशोधन अध्यादेश आया है, वो इसीलिए आया है कि आज मुख्यमंत्री ने अन्य प्रदेशों में रह रहे सभी कामगारों, उन प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश में लाने का निर्णय लिया ।’​ उन्होंने कहा,’ये भी संकल्प लिया गया कि हम उत्तर प्रदेश में ही इनको (श्रमिकों को) सेवा में नियोजित भी करेंगे। जो जिस योग्य कामगार है, उसे उसके लायक काम यहीं पर दिलाने की हम व्यवस्था करेंगे ।

‘मौर्य ने कहा,’वे उन श्रमिकों का विरोध कर रहे हैं, जिनके लिए हम लॉकडाउन के चलते बंद उद्योग-कारखानों में पुन: समायोजित करने के लिए अवसर प्रदान करने जा रहे हैं इसलिए कांग्रेस और सपा के बयान से उनका श्रमिक विरोधी चेहरा सामने आया है । उनको मैं भी स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जो श्रमिकों के लिए घडियाली आंसू बहा रहे हैं उनको शायद नहीं पता कि हमने नए निवेश के रास्ते खोलते वक्त श्रमिकों के हितों का ध्यान रखा है ।’ उन्होंने कांग्रेस और सपा पर तंज किया कि वे पहले अध्यादेश को पढें, फिर किसी तरह की टिप्पणी करें लेकिन उनकी टिप्पणी से आभास हो गया है कि वे श्रमिकों के नंबर एक दुश्मन हैं । उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों दल नहीं चाहते कि श्रमिकों को काम मिले इसलिए अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं ।

उल्लेखनीय है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है,’उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने एक अध्यादेश के द्वारा मज़दूरों को शोषण से बचाने वाले श्रम-क़ानून के अधिकांश प्रावधानों को तीन साल के लिए स्थगित कर दिया है। यह बेहद आपत्तिजनक व अमानवीय है। श्रमिकों को संरक्षण न दे पाने वाली ग़रीब विरोधी भाजपा सरकार को तुरंत त्यागपत्र दे देना चाहिए ।’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट कर कहा,’यूपी सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किए गए बदलावों को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।
आप मजदूरों की मदद करने के लिए तैयार नहीं हो। आप उनके परिवार को कोई सुरक्षा कवच नहीं दे रहे । अब आप उनके अधिकारों को कुचलने के लिए कानून बना रहे हो । मजदूर देश निर्माता हैं, आपके बंधक नहीं हैं ।’

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