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बसपा विधायकों को हाईकोर्ट से फौरी राहत, विधानसभा अध्यक्ष से निस्तारित करने के लिए कहा

जयपुर। बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को फैसला सुना दिया। हाईकोर्ट के जस्टिस महेंद्र गोयल की एकलपीठ ने इस फैसले में कहा कि मामले का निस्तारण विधानसभा अध्यक्ष मैरिट के आधार पर करें। जस्टिस गोयल ने स्पीकर से इस पूरे मामले को सुनने एवं निस्तारित करने के लिए कहा है।

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट में बसपा और बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने याचिका लगाकर विधानसभा अध्यक्ष के 18 सितम्बर 2019 के फैसले को चुनौती दी थी। विधानसभा अध्यक्ष ने बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को मंजूरी दी थी। दोनों याचिकाओं में हाईकोर्ट से सभी 6 विधायकों की सदस्यता रद्द करने का आग्रह किया गया था। हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद 14 अगस्त को मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी। कोरोना महामारी के कारण फैसला नहीं सुनाया जा सकता था, इस पर सोमवार को फैसला सुना दिया गया ।

यह है पूरा मामला

बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे 6 विधायकों राजेंद्र गुढ़ा, जोगेंद्र सिंह अवाना, वाजिब अली, लाखन मीणा,संदीप यादव और दीपचंद खेरिया ने 16 सितंबर 2019 को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के सामने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए एक प्रार्थना पत्र पेश किया।

इस प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने 18 सितम्बर 2019 को विलय को मंजूरी दे दी। इस विलय को बसपा और भाजपा विधायक मदन दिलवार की ओर से हाईकोर्ट के एकलपीठ के समक्ष चुनौती दी गई, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने 30 जुलाई को स्पीकर सहित 6 विधायकों को नोटिस जारी कर दिया,लेकिन याचिकाकर्ताओ ने यह कहते हुए मामले को खंडपीठ में चुनौती दी थी कि एकलपीठ ने विलय को स्टे नहीं किया।

गौरतलब है कि बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट के जस्टिस महेंद्र गोयल की एकलपीठ ने इस फैसले में कहा कि मामले का निस्तारण विधानसभा अध्यक्ष मैरिट के आधार पर करें। जस्टिस गोयल ने स्पीकर से इस पूरे मामले को सुनने एवं निस्तारित करने के लिए कहा है।

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