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दिल्ली में चार लाख लोगों को राहत देने की तैयारी, ओ जोन में बसे लोगों को होगा फायदा

नई दिल्ली। अनधिकृत कालोनियों में मालिकाना हक देने की शुरुआत करने के बाद अब दिल्ली में ओ जोन (डूब क्षेत्र) में बसे करीब चार लाख लोगों को भी राहत देने की तैयारी की जा रही है। दरअसल, मास्टर प्लान-2041 में यमुना के डूब क्षेत्र को दो श्रेणियों में बांटने की सिफारिश की गई है। पहला क्षेत्र वह होगा जो नदी के बिल्कुल समीप होगा जबकि दूसरी श्रेणी में वह क्षेत्र यमुना से थोड़ा दूर होगा। मास्टर प्लान में यमुना के किनारे 300 मीटर चौड़ा एक बफर जोन बनाने की सिफारिश भी की गई है। संकेत मिल रहे हैं कि 300 मीटर के बफर जोन से बाहर जो भी निर्माण कार्य डूब क्षेत्र में हो रखे हैं, उन्हें कुछ शर्तों के साथ जल्द ही नियमित किया जा सकेगा।

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि जनता के सुझाव एवं आपत्तियों के 45 दिन पूरे होने के बाद डीडीए इस बाबत अलग से प्रस्ताव तैयार करेगा, जिसमें यमुना किनारे बसे इलाकों, गांवों को ओ-जोन से बाहर कर उन्हें नियमित करने की प्रक्रिया शुरु की जा सकेगी। पहले यह प्रस्ताव डीडीए की बोर्ड बैठक में रखा जाएगा और फिर इसके बाद स्वीकृति के लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को भेजा जाएगा

अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली के छह विधानसभा क्षेत्रों में लगभग 100 गांव-कालोनी ऐसे हैं, जिनका बहुत बड़ा इलाका डूब क्षेत्र में बसा हुआ है। कई इलाकों में तो समुदाय भवन, बारात घर समेत कई सरकारी विभागों के कार्यालय भी ओ-जोन में बन चुके हैं। ऐसे में इन इलाकों को नियमित करना आवश्यक बन चुका है। अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली में ओ-जोन के इलाके में बने भवनों-गांवों और कालोनियों के नियमित होने से लगभग चार लाख लोगों को लाभ मिलेगा। खासतौर पर ओखला, बदरपुर, सभापुर, गामड़ी, उस्मानपुर जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में ओ-जोन में निर्माण कार्य हो चुके हैं।

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