ब्रेकिंग
धनतेरस पर रिकॉर्ड तोड़ खरीदारी: देशभर में हुआ 1 लाख करोड़ का कारोबार, 60 हजार करोड़ का सोना-चांदी खर... फांसी vs इंजेक्शन: मौत की सज़ा का कौन सा तरीका बेहतर? पवन जल्लाद ने बताया- 'निर्भया के दोषियों को लट... करोड़ों का घोटाला! भू-माफिया ने फर्जी दस्तावेज से हड़पी कडाणा विभाग की जमीन, सरकारी संपत्ति को बताया... शिंदे गुट का सीधा वार: श्रीकांत बोले- 'UBT और MNS सिर्फ बयानबाजी करते हैं, मराठियों के नाम पर सिर्फ ... कोलकाता में ED का बड़ा एक्शन: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से जुड़े नेटवर्क का खुलासा, मुख्य आरोपी इंदुभ... दिवाली पर खपाने की तैयारी! फरीदाबाद में 222 पेटी अवैध शराब जब्त, गोदाम में टाइल्स के नीचे छिपा रखा थ... धनतेरस पर CM मोहन यादव का तोहफा: किसानों को 'सोलर पंप' की खरीद पर मिली बंपर सब्सिडी, खेती होगी आसान बांके बिहारी का 'खजाना' खुलेगा! धनतेरस पर 54 साल बाद तहखाने का द्वार खुला, गोस्वामी समाज के हंगामे स... बिहार चुनाव का रण! पहले चरण में रिकॉर्डतोड़ ढाई हजार नामांकन, आखिरी 48 घंटों में उम्मीदवारों की लगी ... संसद के करीब बड़ा हादसा! सांसद फ्लैट में लगी भीषण आग, धुआं देख मची अफरा-तफरी, 6 दमकल गाड़ियां मौके प...
देश

तीन वर्षों से निष्क्रिय फार्मेसी काउंसिल के सुचारू करने के लिए आइपीए ने प्रमुख सचिव को लिखा पत्र

एक भी मीटिंग नहीं हुई है। छ.ग. स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार श्रीकांत राजिमवाले कार्यालय में पिछले कई वर्षो से बैठे नहीं है। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) के पारित आदेशानुसार केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट को ही स्टेट फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रार नियुक्त किया जाना है। काउंसिल कार्यालय केवल रबर स्टैंप कार्यालय बनकर रह गया है।

रजिस्ट्रार के नाम का सिल का उपयोग करके काउंसिल कर्मचारी केवल पंजीयन का कार्य कर रहे हैं। संगठन को राज्य भर के फार्मासिस्टों की ओर से लगातार यह शिकायत भी प्राप्त हो रही है कि काउंसिल कार्यालय अपने निर्धारित समय 10:30 बजे नहीं खुलता है एवं कर्मचारियों द्वारा पंजीयन के लिए रिश्वत के रूप में अतिरिक्त रुपयों की मांग की जाती है।

फार्मासिस्टों द्वारा घूस नहीं दिए जाने पर उनका पंजीयन तीन-तीन माह तक नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा राज्य स्टेट फार्मेसी काउंसिल में सदस्य मनोनीत नहीं करने के कारण भी काउंसिल का कार्य प्रभावित हो रहा है। किसी प्रकार के नीतिगत निर्णय राज्य के फार्मासिस्टों के हित में नहीं लिए जा रहे हैं। वर्ष 2017 में हुवे निर्वाचन के चार वर्ष हो चुके लेकिन कोरम पूरा नहीं होने के कारण छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं अन्य अधिकारियो की नियुक्ति/निर्वाचन नहीं की जा सकी है।

संगठन ने प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय अलोक शुक्ला जी को पत्र लिखकर काउंसिल के सुचारू संचालन की मांग की है साथ ही फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के रजिस्ट्रार अर्चना मुद्गल जी को भी इसके लिए राज्य सरकार से पत्राचार करने की मांग की है। हाल ही में आयोजित प्रदेश स्तरीय फार्मासिस्ट सम्मेलन में भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इसके लिए मांग पत्र संगठन की ओर से दिया गया है

naidunia

Related Articles

Back to top button