भाई देश की रक्षा में शहीद तो बहन को विदा करने पहुंच गए सीआरपीएफ के जवान; देखें-पूरा वीडियो

लखनऊ। देश की रक्षा में तैनात भाई बहन को विदा करने की हसरत पूरी नहीं कर सका। उसकी इस अधूरी इच्छा को पूरी करने साथी जवान पूरे जोश-खरोश से शादी समारोह में शामिल हुए। उन्होंने न सिर्फ एक भाई की तरह विवाह की सारी रस्में निभाईं, बल्कि हर कदम साथ रहने का वचन भी दिया। मूलरूप से डलमऊ के मीरमीरानपुर गांव के निवासी शैलेंद्र प्रताप सिंह के परिवारजन शहर के मलिकमऊ रहते थे।
पांच अक्टूबर 2020 को श्रीनगर में हुए आतंकी हमले में शैलेंद्र शहीद हो गए थे। इस घटना से पहले उन्होंने घरवालों को फोन कर बताया था कि वे बहन की शादी करने के लिए आएंगे। सोमवार की शाम बहन ज्योति की शादी थी। पिता नरेंद्र बहादुर सिंह ने बेटी के विवाह की सारी तैयारियां कीं। शैलेंद्र की कमी परिवार के अखर रही थी। शाम ढलते ही एकाएक वैवाहिक समारोह का माहौल बदल गया। सीआरपीएफ के करीब दस जवान वर्दी में शादी के मंडप में पहुंच गए। सबसे पहले वह माता-पिता और फिर तीनों बहनों से मिले। पूरे समारोह में भाई की तरह डटे रहे और हर वो जिम्मेदारी निभाई, जो एक भाई को निभानी होती हैं। ज्योति की विदाई होने के बाद ही वे सब वापस लौटे।
मुझे एक बेटे की जगह सैंकड़ों बेटे मिल गएः नरेंद्र बहादुर सिंह कहते हैं कि सीआरपीएफ के जवानों ने मन मोह लिया। मैंने एक बेटा खाेया और मुझे सैकड़ों बेटे मिल गए। बेटी के विवाह में उनका आना और भाई की तरह जिम्मेदारियों को निभाना, हम कभी नहीं भूलेंगे।
सीआरपीएफ परिवारः जिले के 300 से ज्यादा जवान सीआरपीएफ में हैं। इन सभी ने वाट्सएप पर सीआरपीएफ परिवार नाम से ग्रुप बना रखा है। जब भी इस ग्रुप के जवान छुट्टी पर आते हैं तो आपस में मिलकर सामाजिक कार्यों में लग जाते हैं। ये पहला मौका है कि जब शहीद सैनिक की बहन की शादी हुई और ग्रुप के जिन-जिन सैनिकों को छुट्टी मिली, वे दौड़ते चले आए।
 
				



 
						


