जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद जहां कई लोग बेहद खुश हैं, वहीं कई लोग अपने बयानों के कारण हर तरफ विवाद फैलाए हुए हैं। कोई इस फैसले के खिलाफ तो कोई इस फैसले के साथ नजर आ रहा है। इसी के साथ जहां भारत में खुशी है, वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान फैसले को पचा नहीं पा रहा है। इस फैसले से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। जिसके बाद फिल्मी सितारे भी अपने भड़काऊ बयान दे रहे हैं। पाकिस्तानी सिंगर आतिफ असलम ने जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के विरोध में ट्वीट किया और लिखा, हालांकि ये इंडियन यूजर्स को पसंद नहीं आया और उन्हें करारा जवाब मिल रहा है। सिंगर ने कश्मीर को लेकर लिखा था- ”मैं कड़े शब्दों में कश्मीरियों के खिलाफ की जा रही हिंसा और अत्याचार की निंदा करता हूं, अल्लाह कश्मीर और दुनियाभर के निर्दोष लोगों की जिंदगी की मदद करे Happy to share something very big with all of you. Inshallah I’ll be leaving soon for the most important (cont) https://t.co/7lBJRH1K7y Atif Aslam ✔@itsaadee HAPPY TO SHARE SOMETHING VERY BIG WITH ALL OF YOU. INSHALLAH I’LL BE LEAVING SOON FOR THE MOST IMPORTANT (CONT) HTTP://TL.GD/N_1SQVJPS 3,936 3:11 PM – Aug 6, 2019 Twitter Ads info and privacy 1,085 people are talking about this ट्वीट पर आतिफ को खूब लताड़ झेलनी पड़ रही है। एक यूजर ने लिखा- “मैं पहली बार आपके कश्मीरियों के लिए किए गए ट्वीट से असहमत हूं। मोदी ने कश्मीरियों के लिए बेस्ट किया है। मैं आपका फैन हूं, प्लीज आप राजनीति में ना जाए”, एक दूसरे ने लिखा- “हज जाने से पहले ऐसा राजनीतिक बयान देना दुखद है। सोचो कि अब तुम्हें हिंदी फिल्मों में लंबे लमय पर काम मिलने में परेशानी होगी। फैंस भी आतिफ को राजनीतिक मामले पर चुप रहने की हिदायत दे रहे हैं”, एक यूजर ने आतिफ को कहा कि वे अपना देश देखें, दूसरे देशों में ताक झांक कर चौधरी ना बनें। Aap hajj pr ja rahe hain hajj par jaye. Kashmirio ko koi saza nahi mil rahi koi zulm nhi ho raha. India ka part tha hai aur rahega. Aap apna desh dekhein, dusre desho me taka jhankí kake chaudhari na banein. Dhanyawaad. 🙏😊 Atif Aslam ✔@itsaadee · Aug 6, 2019 HAPPY TO SHARE SOMETHING VERY BIG WITH ALL OF YOU. INSHALLAH I’LL BE LEAVING SOON FOR THE MOST IMPORTANT (CONT) HTTP://TL.GD/N_1SQVJPS HIMSHIKHAR BISWAS@biswashim AAP HAJJ PR JA RAHE HAIN HAJJ PAR JAYE. KASHMIRIO KO KOI SAZA NAHI MIL RAHI KOI ZULM NHI HO RAHA. INDIA KA PART THA HAI AUR RAHEGA. AAP APNA DESH DEKHEIN, DUSRE DESHO ME TAKA JHANKÍ KAKE CHAUDHARI NA BANEIN. DHANYAWAAD. 3 5:47 AM – Aug 8, 2019 Twitter Ads info and privacy See HIMSHIKHAR BISWAS’s other Tweets मालूम हो कि आतिफ असलम ने कई बॉलीवुड फिल्मों में अपनी आवाज दी है, लेकिन उड़ी अटैक के बाद से पाकिस्तानी कलाकारों का भारत में काम करना बैन हो गया है। भारत में आतिफ की तगड़ी फैन फॉलोइंग है।

नयी दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में एक पक्षकार ‘राम लला विराजमान’ से जानना चाहा कि देवता के जन्मस्थान को इस मामले में दावेदार के रूप में कैसे कानूनी व्यक्ति माना जा सकता है। शीर्ष अदालत ने अयोध्या प्रकरण में तीसरे दिन की सुनवाई में कहा कि जहां तक हिंदू देवताओं का संबंध है तो उन्हें कानून में कानूनी व्यक्ति माना गया है जो संपत्ति का स्वामी हो सकता है और मुकदमा भी कर सकता है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने रामलला विराजमान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरन से जानना चाहा कि इस मामले में एक पक्षकार के रूप में क्या ‘राम जन्मस्थान’ कोई वाद दायर कर सकता है। पीठ ने जानना चाहा, ‘क्या जन्मस्थान को कानूनी व्यक्ति माना जा सकता है। जहां तक देवताओं का संबंध है तो उन्हें कानूनी व्यक्ति माना गया था।’ पीठ के इस सवाल के जवाब में परासरन ने कहा, ‘हिंदू धर्म में किसी स्थान को उपासना के लिए पवित्र स्थल मानने के लिए वहां मूर्तियों का होना जरूरी नहीं है। हिंदूवाद में तो नदी और सूर्य की भी पूजा होती है और जन्मस्थान को भी कानूनी व्यक्ति माना जा सकता है।’ अयोध्या मामले में देवता की ओर से दायर वाद में भगवान राम के जन्मस्थान को भी एक पक्षकार बनाया गया है।
इस पर पीठ ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के एक फैसले का जिक्र किया, जिसमें पवित्र गंगा नदी को एक कानूनी व्यक्ति माना गया है जो मुकदमे को आगे बढ़ाने की हकदार है। इसके बाद पीठ ने परासरन से कहा कि दूसरे बिंदुओं पर अपनी बहस आगे बढ़ाएं। परासरन ने आरोप लगाया कि ‘राम लला विराजमान’ की मूर्ति को उस समय पक्षकार नहीं बनाया गया जब मजिस्ट्रेट ने विवादित स्थल को कुर्क किया और जब दीवानी अदालत ने इस मामले में रिसीवर नियुक्त करके निषेधात्मक आदेश दिया था। जन्मस्थान के महत्व को इंगित करते हुए परासरन ने संस्कृत के श्लोक ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरियसी’ का वाचन किया और कहा कि जन्मस्थान स्वर्ग से भी महान है। इससे पहले, एक मुस्लिम पक्षकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि ‘राम लला विराजमान’ और ‘निर्मोही अखाड़ा’ द्वारा दायर दो अलग-अलग वाद एक दूसरे के खिलाफ हैं और यदि एक जीतता है तो दूसरा स्वत: ही खत्म हो जाता है।
उन्होंने सुझाव दिया कि मुस्लिम पक्ष को किसी भी एक वाद में बहस शुरू करने की अनुमति दी जा सकती है क्योंकि कानूनी रूप से सिर्फ इसकी ही अनुमति दी जा सकती है। संविधान पीठ अयोध्या में विवादित 2.77 एकड़ भूमि तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला- के बीच बराबर बराबर बांटने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर 6 अगस्त से नियमित सुनवाई कर रही है।