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असम में एकतरफा प्यार में छात्रा को जिंदा जलाने वाले को फांसी की सजा

गुवाहाटी। कॉलेज छात्रा श्वेता अग्रवाल को जिंदा जलाने के मामले में कामरूप फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फैसला दे दिया है। एकतरफा प्यार में पागल उसके व्बॉयफ्रेंड गोविंद सिंघल को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। इसी मामले में उसकी मां और बहन को हत्या, सबूतों से छेड़छाड़ और आपराधिक साजिश का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

सत्र न्यायाधीश अपरेश चक्रवर्ती ने गोविंद सिंघल, उसकी मां कमला देवी और बहन भवानी को 30 जुलाई को श्वेता की हत्या के लिए दोषी ठहराया था। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि वे फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे। तीनों को गुवाहाटी सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। चार दिसंबर, 2017 को गुवाहाटी के भारलुमुख क्षेत्र में स्थित गोविंद के घर के शौचालय से श्वेता का जला हुआ शव मिला था।

श्वेता ने 2015 में 12वीं कक्षा की परीक्षा में कॉमर्स स्ट्रीम में टॉप किया था। गोविंद और श्वेता एक ही कॉलेज में पढ़ते थे और गोविंद परीक्षा खत्म होने के बाद श्वेता को अपने घर ले आया था। पीड़िता के वकील अभिजीत भट्टाचार्य ने बताया कि श्वेता के शरीर पर चोट के 13 निशान मिले थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि चोट लगने के बाद उसे जिंदा जलाया गया।

भट्टाचार्य ने 16 नवंबर, 2017 के एक दस्तावेज का हवाला दिया जिसमें उसने कहा था, “मेरा जवाब नहीं है और हमेशा नहीं रहेगा।” उन्होंने कहा कि श्वेता का यह जवाब साबित करता है कि आखिर गोविंद ने किस तरह एकतरफा प्यार के कारण उसकी बर्बरतापूर्वक हत्या की। फैसले पर श्वेता के पिता ने कहा कि उनकी बेटी को न्याय मिल गया। उन्होंने इसके लिए कोर्ट का धन्यवाद किया।

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