देवव्रत सिंह की बहन लड़ेंगी चुनाव, दोनों भाभी चुनाव लड़ने के लायक नहीं

जबलपुर। खैरागढ़ विधानसभा उप चुनाव मामले में नया मोड़ सामने आया है. टिकट की लड़ाई को लेकर अब दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह की बहन की एंट्री हो गई है. उन्होंने अपने भाभियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह की बहन ने दावा ठोका है. खैरागढ़ सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. उन्होंने कहा कि पार्टी टिकट देती है, तो खैरागढ़ का सपना पूरा करूंगी. टिकट मिलता है, तो भाई का सपना पूरा करूंगी.
छत्तीसगढ़ की खैरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के ऐलान के बाद अब प्रत्याशियों की दौड़धूप शुरू हो गई है. राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस से 23 लोग ऐसे हैं, जो खैरागढ़ से कांग्रेस का टिकट चाहते हैं. इनमें दिवंगत राजा देवव्रत सिंह की पहली पत्नी पद्मा सिंह का नाम भी शामिल है. टिकट की लड़ाई को लेकर अब दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह की बहन की एंट्री हो गई है. उन्होंने अपने भाभियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस दौरान स्मृति देवी ने कहा कि खैरागढ़ में अपने भाई के सपनों को पूरा करेंगी.
भाभियों पर हमला, खुद की टिकट की दावेदारी
उन्होंने कहा कि दोनों भाभियों के कारण परिवार तबाह हुआ. उनको दावेदारी करना ही नहीं चाहिए. आज हमने भाई को खोया है. इसका वो दोनों ही कारण हैं. पहली वाली 5 साल पहले जा चुकी थी. उनका तलाक हो चुका था. दूसरी वाली से भी विवाद चल ही रहा था. दिमागी तौर से भाई बहुत परेशान थे. इतना ही नहीं स्मृति देवी ने कहा कि ये दोनों भाभियां उस सीट से चुनाव लड़ने के लायक नहीं है. उनके कारण खैरागढ़ राजपरिवार की इतनी बदनामी हुई है, जो कभी नहीं होगी और हमारे पुरखे भी बहुत दुखी होंगे. वहीं उन्होंने कहा कि हमने सीएम भूपेश बघेल से अपील की है कि वे चुनाव लड़ना चाहती हैं, उन्हें टिकट दिया जाए.
खैरागढ़ सीट पर राजपरिवार का रहा है कब्जा
देवव्रत सिंह की बहन स्मृति देवी का विवाह जबलपुर में हुआ है. आजादी के बाद से ही खैरागढ़ सीट पर कब्जा राजपरिवार का रहा है. स्मृति देवी की दादी भी खैरागढ़ से 4 बार विधायक रही हैं. स्मृति देवी की मां भी खैरागढ़ से विधायक रही हैं. शुरू से कांग्रेस में खैरागढ़ राजपरिवार का रहा है. राजपरिवार की रानी पद्मावती देवी अविभाजित एमपी की पहली महिला मंत्री रही है. राजपरिवार से तीसरी पीढ़ी स्मृति देवी हैं.
12 अप्रैल को होगा मतदान
राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ विधानसभा में 12 अप्रैल को मतदान होगा और 16 अप्रैल को मतगणना होगी. इसके लिए शेड्यूल जारी कर दिया गया है. बता दें कि नवंबर 2021 से खैरागढ़ विधानसभा सीट खाली है. जोगी कांग्रेस के विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद फिर से खैरगढ़ विधानसभा में उप चुनाव कराए जा रहे है. निर्वाचन आयोग द्वारा जारी शेड्यूल के अनुसार उपचुनाव की प्रक्रिया होली के एक दिन पहले 17 मार्च से शुरू हो जाएगा और 24 मार्च तक प्रत्याशी पर्चा डाल सकते है. इसके बाद अगले महीने अप्रैल में 12 तारीख को मतदान होगा और 16 अप्रैल को मतगणना के लिए तारीख तय कर ली गई है. इसको लेकर छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव की प्रक्रिया पर जानकारी देगा.
देवव्रत सिंह का हो गया था निधन
गौरतलब है कि खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह का 4 नवंबर को हार्ट अटैक से निधन हो गया था. इसके बाद से ये सीट खाली है. वहीं अब इस सीट में उप चुनाव में कांग्रेस,बीजेपी और जोगी कांग्रेस तीनों ही पार्टी के प्रत्याशी मैदान में उतरने की तैयारी में है. चुनाव आयोग की घोषणा के बाद अब राजनेतिक दल प्रत्याशियों की खोज शुरू कर सकती है.