बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के बैहर अस्पताल में पदस्थ बाबू तीस हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त टिम ने रंगे हाथ ट्रैप किया है। क्लीनिक सील बंद ताला की चाबी लौटाने के एवज मे मांगी थीं 50 हजार की रिश्वत, निजी क्लीनिक संचालक दिनेश मरकाम की शिकायत पर रिश्वत की पहली क़िस्त में 30 हज़ार रुपए लेते हुए बाबू प्रवीण जैन और उसके पुत्र प्रिंस जैन को लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार, क्लीनिक संचालक दिनेश मरकाम गढ़ी निवासी हैं। जिसकी गढ़ी में निजी संजीवनी दवाखाना याने क्लीनिक हैं। जिसकी क्लीनिक पर बैहर अस्पताल की टीम गढ़ी पहुंची और 23 दिसंबर को निजी क्लीनिक संजीवनी दवाखाना को सील कर दिया गया था। जिसकी चाबी लौटने के एवज में एक लाख रुपए की डिमांड रखी गई थी, जहां 50 हजार रुपए में समझौता तय हुआ था, हालांकि रिश्वत से परेशान होकर निजी क्लिनिक संचालक ने लोकायुक्त जबलपुर पुलिस से संपर्क कर इस पूरे मामले की शिकायत की थी।
2 जनवरी को दिनेश मरकाम शिकायत कर्त्ता से पहली किस्त में 30 हजार रुपए की राशि लेते हुए बाबू प्रवीण जैन ने पैसा ले लिए और फिर उस पैसे को अपने पुत्र प्रिंस जैन को दे दिए। जिसे लोकायुक्त पुलिस ने पिता- पुत्र को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। यह पूरी कार्रवाई सिविल अस्पताल बीएमओ कार्यालय बैहर के सामने आवासीय परिसर में हुई है, फिलहाल लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया है एवं कार्रवाई जारी है।
दिलीप झरवड़े डी.एस.पी लोकायुक्त जबलपुर ने बताया कि शिकायत कर्त्ता क्लीनिक संचालक दिनेश मरकाम गढ़ी निवासी ने बताया था कि सिविल अस्पताल बैहर के बाबू और डॉक्टरों के द्वारा निरिक्षण के दौरान मेरी निजी क्लीनिंग को सील कर दिया गया है। सील खोलने के एवज में 50 हज़ार रुपए की राशी तय की गई थी। उसी आधार पर आज बाबू प्रवीण जैन को रिश्वत के 30 हज़ार रुपए के साथ ट्रैप किया गया है। वहीं प्रिंस जैन को भी गिरफ्तार किया है इन दोनों पर कार्रवाई की जा रही हैं।