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पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को गैर-मुस्लिम कहे जाने की मांग वाला विधेयक पेश

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में एक हिंदू सांसद ने संसद के निचले सदन में एक विधेयक पेश कर देश में धाíमक अल्पसंख्यकों को संवैधानिक रूप से ‘गैर-मुस्लिम’ के रूप में संदíभत करने की मांग की है ताकि भेदभाव को समाप्त किया जा सके और सभी नागरिकों के लिए समानता और न्याय स्थापित किया जा सके।

विपक्षी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी से नेशनल असेंबली के सदस्य कीसो मल खील दास ने नेशनल असेंबली में प्रक्रिया और विधायी कार्य संचालन के नियमों के नियम 118 के तहत एक निजी सदस्य बिल के साथ नेशनल असेंबली से संपर्क किया। विधानसभा, 2007।

संविधान संशोधन अधिनियम, 2021 के रूप में बुलाया गया, इस बिल का उद्देश्य पाकिस्तानी गैर-मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव को समाप्त करना है, जिन्हें संविधान में अल्पसंख्यकों के रूप में भी संदíभत किया गया है।

उन्होंने सुझाव दिया कि इस विधेयक को तुरंत स्वीकार कर प्रभाव में लाया जाना चाहिए। सरकार ने अब तक विधेयक का विरोध नहीं किया है और मामले को संबंधित स्थायी समिति के पास भेज दिया गया है। सदन की द्विदलीय समिति द्वारा इसकी समीक्षा किए जाने के बाद, इसे मतदान के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

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