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करतारपुर कॉरीडोर परियोजना अटकी, जिद पर अड़े भारत-पाक Experts

लाहौरः पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के डेरा बाबा नानक से जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी करतारपुर गलियारा परियोजना में उस समय रुकावट आ गई जब दोनों देशों के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच रावी खादर के ऊपर पुल निर्माण पर सहमति नहीं बन पाई। पाकिस्तान और भारत के विशेषज्ञों ने सोमवार को करतारपुर जीरो प्वाइंट पर गलियारे की कार्य प्रणाली पर चर्चा के लिए बैठक की

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैठक केवल एक घंटे चली और इस दौरान दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने निर्माण कार्य को लेकर जानकारी साझा की। रिपोर्ट के अनुसार भारत रावी नदी के ऊपर एक किलोमीटर लंबा पुल बनाना चाहता है जबकि पाकिस्तान ने सड़क बनाने की आवश्यकता जताई। खबर के अनुसार, भारतीय अधिकारियों ने नदी में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर सड़क निर्माण पर आपत्ति जताई। हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि सड़क के चारों ओर बांध बनाया जा सकता है और बाढ़ के पानी से बचने के लिए सड़क का झुकाव ऊंचा रखा जाता है। दोनों देश आगामी बैठक की तिथि पर भी सहमत नहीं हो पाए।

भारतीय समूह में विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल थे। पाकिस्तानी पक्ष का प्रतिनिधित्व संघीय जांच एजेंसी, सीमा शुल्क, निर्माण, पाकिस्तान रेंजर्स पंजाब और सर्वे ऑफ पाकिस्तान के अधिकारियों ने किया। इससे पहले दोनों पक्षों के तकनीकी विशेषज्ञों और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने इसी स्थान पर अप्रैल में वार्ता की थी। इससे पूर्व, मार्च की बैठक में दोनों पक्षों ने डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब गलियारे में सीमा पर बाड़ एवं विकास कार्य के लिए अपनी-अपनी सरकारों को सर्वेक्षण एवं नक्शे मुहैया कराने का फैसला किया था।

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