सिद्धू को मिला पाकिस्तान का वीजा, मगर भारत सरकार की मंजूरी पर अटकी बात

नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस के नेता एवं पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू करतारपुर साहिब गलियारे में उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे। उन्हें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से करतारपुर साहिब में होने वाले उद्घाटन समारोह में शामिल होने का निमंत्रण प्राप्त हुआ है और साथ ही उन्हें पाकिस्तान का वीजा भी मिल गया है। सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया है कि 9 तारीख को उद्घाटन समारोह के लिए सिद्धू को विदेश मंत्रालय से राजनीतिक मंजूरी मिलने की कोई संभावना नहीं है। नवजोत सिंह सिद्धू वीजा के साथ, वह वाघा बॉर्डर तो पार कर सकते हैं लेकिन एक भारतीय राज्य विधायिका के निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में उन्हें राजनीतिक मंजूरी की आवश्यकता होगी।
सूत्रों ने कहा कि 9 तारीख को उद्घाटन समारोह के बाद जाने वाले प्रथम जत्थे में 550 विशिष्ट अतिथि जाएंगे जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी के अलावा अनेक सांसद, यूरोपीय संसद के कुछ सांसद, राज्य सरकारों के मंत्री, विधायक, सरकारी अधिकारी तथा ओवरसीज़ सिटीज़न आॅफ इंडिया कार्ड धारी प्रवासी भारतीय भी जाएंगे।
सिद्धू ने विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर को पत्र लिखकर पाकिस्तान जाने की राजनीतिक मंजूर दिए जाने के अनुरोध के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा कि केवल 9 नवंबर को उद्घाटन जत्थे के सदस्यों के लिए राजनीतिक मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी। सूत्रों ने इस बात की पुष्टि करने से इन्कार कर दिया कि सिद्धू को राजनीतिक मंजूरी दी गई है अथवा दी जा रही है। केंद्र को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा है कि उनके पास पाकिस्तान जाने का वीजा नहीं है और 9 नवंबर को करतारपुर साहिब स्थित गुरु द्वारा के दर्शनों के लिए डेरा बाबा नानक का कॉरिडोर खुलने जा रहा है।
वह इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पाकिस्तान जाना चाहते हैं। उन्हें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से औपचारिक तौर पर इस समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण पत्र भी भेजा गया है, जिसकी कॉपी आप के कार्यालय में पहले ही जमा करवा दी गई है। सिद्धू ने लिखा है कि पहले लिखे गए पत्र में उन्होंने 9 नवंबर सुबह 9.30 बजे कॉरिडोर के माध्यम से करतारपुर साहिब जाने की मांग की थी। तब कहा था कि वह पहले गुरु द्वारा करतारपुर साहिब में जाकर वाहेगुरु का शुक्रि या अदा करेंगे, फिर संगत के साथ लंगर ग्रहण करेंगे। इसके बाद वहां पर होने वाले उद्घाटनी समागम में शामिल होने के बाद कॉरिडोर के माध्यम से वापस आ जाएंगे।