बीएसपी में आयरन ओर की आपूर्ति, माइंस में उत्पादन प्रभावित

भिलाई । भिलाई इस्पात संयंत्र को दल्लीराजहरा मांइस से होने वाले आयरन ओर की आपूर्ति सोमवार को प्रभावित रही। दल्लीराजहरा में रेल लाइन पर सर्व आदिवासी समाज द्वारा आर्थिक नाकेबंदी के तहत सुबह 10 बजे से ही कब्जा कर प्रदर्शन किया जा रहा था। शाम 6.30 बजे तक यह आंदोलन चला। इसकी वजह से 24 घंटे में मालगाड़ी के चार रैक से ही बीएसपी को आयरन ओर की सप्लाई हो पाई। इधर सड़क पर भी आंदोलनकारियों के जमे होने से दल्ली के महामाया माइंस में आयरन ओर का उत्पादन प्रभावित रहा। हांलाकि इन सबसे बीएसपी में उत्पादन बेअसर रहा, क्योंकि आयरन ओर का पर्याप्त स्टाक था। इधर सुबह दल्ली जाने वाली यात्री ट्रेन को भी बालोद में ही रद कर दिया गया।
भिलाई इस्पात संयंत्र को आयरन ओर की आपूर्ति दल्लीराजहरा स्थित विभिन्न खदानों से होती है। दल्ली राजहरा से यह आयरन ओर दल्ली-मरोदा रेल लाइन से होते हुए मालगाड़ी के माध्यम से भिलाई इस्पात संयंत्र आता है। 24 घंटे में छह से आठ रैक से आयरन ओर की आपूर्ति की जाती है। इसी ट्रेक पर दल्लीराजहरा में सर्व आदिवासी समाज द्वारा आर्थिक नाकेबंदी आंदोलन के तहत प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा अन्य स्थानीय प्रमुख सड़कों पर भी जाम किया गया था।
भिलाई इस्पात संयंत्र को आज आंदोलन के कारण के कारण दो रैक आयरन ओर की सप्लाई नहीं हो पाई। बताया जाता है कि मालगाड़ी की एक रैक दल्लीराजहरा के रैक प्वाइंट पर लोड ही खड़ी रही परन्तु इसे भिलाई के लिए रवाना नहीं किया जा सका। इसके अलावा एक रैक लोडिंग प्वांइट खाली ही खड़ी रही। आंदोलनकारी दल्लीराजहरा से कुसुमकसा के बीच में मानपुर चौक के पास रेल लाइन पर सुबह 10 से शाम 6.30 बजे तक धरना देकर बैठे रहे। इस दौरान रायपुर से रेलवे सुरक्षा आयुक्त एसके गुप्ता, आरपीएफ व स्थानीय पुलिस भी मौजूद रहे।
भिलाई इस्पात संयंत्र में आयरन ओर का तीन से चार दिनों का स्टाक रहता है। जिससे किसी कारणवश अचानक दल्लीराजहरा से आयरन ओर की आपूर्ति प्रभावित होने पर बीएसपी के उत्पादन पर असर नहीं पड़ता। आज भी स्टाक रहने की वजह से संयंत्र में उत्पादन अप्रभावित रहा। हांलाकिइस दौरान बीएसपी और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी आंदोलन पर पूरी नजर बनाए हुए थे।
बीएसपी में आज हाट मेटल का उत्पादन 17 हजार टन को पार कर गया। संयंत्र में वत्रमान में ब्लास्ट फर्नेस क्रमांक -7 को वार्षिक मरम्मत के लिए शट डाउन पर लिया गया है। वहीं फर्नेस क्रमांक-8 महामाया, फर्नेस क्रमांक 1, 4, 5 व 6 से उत्पादन लिया जा रहा है। बीते कुछ दिनों से कुल हाट मेटल उत्पादन का आंकड़ा 14 से 16 हजार टन तक ही पहुंच रहा था। आज उत्पादन का आंकड़ा बढ़ा है
बीएसपी के दल्लीराजहरा स्थिति महामाया व दल्ली मांइस में आज आंदोलन का असर दिखा। सड़क मार्ग पर भी आंदोलनकारियों के सुबह से शाम तक जमे रहने से महामाया माइंस से रेलवे के लोडिंग प्वांइट तक आयरन ओर की आपूर्ति पूरी तरह ठप रही। इस वजह से यहां पर उत्पादन भी प्रभावित रहा। एक बार आपूर्ति बहाल करने का प्रयास भी हुआ परन्तु विरोध को देखते हुए वाहन चालक स्वंय ही बैरंग लौट गए।
छग सर्व आदिवासी समाज द्वारा सुकमा जिला के ग्राम सिलगेर में गोलीबारी से मृत आदिवासियों के परिजनों को 50 लाख, परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार शासकीय नौकरी की मांग की जा रही है। इसके अलावा बस्तर में नक्सल समस्या के स्थायी समाधान के लिए शासन स्तर पर पहल, पदोन्नाति में आरक्षण के संबंध में जब तक माननीय उच्च न्यायलय के स्थगन समाप्त नहीं हो जाते तब तक किसी भी हालत में अजा-जजा के लिए आरक्षित रिक्त पदों को नहीं भरे जाने, उसे सुरक्षित रखे जाने और जितने सामान्य वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी की अजा-जजा वर्ग के लिए आरक्षित पदों पर नियम विरुद्ध पदोन्नाति हुई है उस तत्काल पदावनत किया करने, पांचवी अनुसूची क्षेत्र में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भर्ती में शत प्रतिशत आरक्षण, खनिज उत्खनन के लिए जमीन अधिग्रहण की जगह लीज में लेकर जमीन मालिक को शेयर होल्डर सहित 10 सूत्रीय मांग की जा रही है।
जनसंपर्क विभाग, बीएसपी से मलिी जानकारी के अनुसार दल्लीराजहरा में आंदोलन के कारण बीएसपी को आयरन ओर की आपूर्ति प्रभावित रही। केवल चार रैक आयरन ओर ही बीएसपी में 24 घंटे में पहुंचा।