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सीवेज ट्रीटमेंट का पानी तो सस्ता है, ट्रांसपोर्टेशन महंगा

नई दिल्ली: निर्माण कार्यों, कूलिंग प्लांट्स, सिंचाई आदि के लिए विभिन्न सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से खरीदा जाने वाला ग्रे वाटर की दिल्ली जल बोर्ड ने कीमत सात रुपए किलोलीटर तय की है, लेकिन यह दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में 200 रुपए किलोलीटर तक पड़ रहा है। दिल्ली जल बोर्ड ने अलग-अलग इलाकों में टैंकर उपलब्ध करवाने वालों को सूचीबद्ध किया है और इनके खर्चों के चलते ही इस पानी की कीमत 200 रुपए किलो लीटर तक पहुंच रही है। ये टैंकर मालिक तर्क देते हैं कि प्लांट से पानी पहुंचाने वाली साइट्स की दूरी और टैंकर के सभी खर्च इसमें शामिल हैं।

दिल्ली जल बोर्ड ने हाल ही में जन सूचना जारी कर यह बताया कि दक्षिणी दिल्ली के क्षेत्र में ही आठ लोगों को इस पानी को पहुंचाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इसमें तुगलकाबाद, कालकाजी, नेब सराय की तीन कंपनियों के साथ-साथ ओखला फेस-2, देवली एक्सटेंशन और संगम विहार की कंपनियों को शामिल किया गया है। तुगलकाबाद की एक कंपनी के व्यक्ति से जब बात की तो उन्होंने 35 हजार लीटर पानी का टैंकर 3500 रुपए का बताया। जबकि कालकाजी के अन्य टैंकर मालिक ने यह दाम 200 रुपए प्रति किलोलीटर बता दिए।

ओखला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से मालवीय नगर के लिए पूछे गए दामों से पता चला कि 32 हजार किलो लीटर का टैंकर लगभग 6400 रुपए में में पहुंचेगा। दिल्ली जल बोर्ड के एक अधिकारी से जब इस बाबत बात की तो उन्होंने बताया जल बोर्ड तो कुल सात रुपए प्रति किलोलीटर ही वसूल करता है लेकिन टैंकर के खर्च के कारण ही इसकी कीमत इतनी बढ़ जाती है।

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